हाइटेक सिटी में इस साल अब तक मिले 71 शव, पुलिस को पता नहीं किसके?

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हाइटेक सिटी में इस साल अब तक मिले 71 शव, पुलिस को पता नहीं किसके?

दिल्ली-एनसीआर
नौ महीने में प्रदेश में मिले कुल अज्ञात शवों में 40 फीसदी जनपद गौतमबुद्धनगर में मिले। इस मामले में गौतमबुद्धनगर प्रदेश के सभी जनपदों को भी पीछे छोड़ दिया है। इनमें अधिकतर शव पुरुष के हैं। हाइटेक सिटी नोएडा व ग्रेटर नोएडा में वर्ष 2023 के नौ महीने के दौरान औसतन हर चौथे दिन एक अज्ञात शव मिला। इस दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में 173 अज्ञात शव मिले। यानी नौ महीने में प्रदेश में मिले कुल अज्ञात शवों में 40 फीसदी जनपद गौतमबुद्धनगर में मिले। इस मामले में गौतमबुद्धनगर प्रदेश के सभी जनपदों को भी पीछे छोड़ दिया है। इनमें अधिकतर शव पुरुष के हैं। वर्ष 2023 में एक जनवरी से 30 सितंबर के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 173 अज्ञात शव मिले। इनमें गौतमबुद्घ नगर जनपद में सबसे अधिक 71 शव मिले, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पाई है। शहर के किसी न किसी नाले, सड़क या ग्रीन बेल्ट में औसतन चार दिनों में एक अज्ञात शव मिला। इनमें से अधिकतर शवों की शिनाख्त नहीं हुई है। इन शवों के मिलने से जहां एक तरफ लोगों में भय का माहौल बन रहा है। वहीं पुलिस के पास इसके लिए कोई ठोस प्लानिंग नहीं है। इस वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो कोतवाली फेज वन, सूरजपुर, बादलपुर, दादरी क्षेत्र में अधिकतर अज्ञात शव मिले हैं। वहीं अज्ञात शवों की पहचान के लिए पुलिस जो भी प्रक्रिया अपनाती है, उस पर अधिक ध्यान नहीं देने के कारण भी पहचान नहीं हो पाती है। अज्ञात शव मिलने के बाद पहले तो पुलिस पहनावा, शरीर पर गुदा हुआ नाम व शव मिलने के लोकेशन के आसपास के लोगों से पहचान कराने की कोशिश करती है। अगर 72 घंटे में शव की पहचान नहीं होती तो उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया जाता है। बाद में पुलिस विभाग द्वारा अखबारों में विज्ञापन दिया जाता है। अज्ञात शवों की विसरा रिपोर्ट पर ध्यान नहीं पुलिस अज्ञात शवों के मामले में लापरवाही भी बरतती है। इन लोगों में से ज्यादातर की मौत का वास्तविक कारण जानने का प्रयास भी नहीं करती। यही कारण है कि पुलिस अमूमन अज्ञात शवों की विसरा रिपोर्ट मंगवाने पर ध्यान नहीं देती है। पुलिस पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर की ओर से बताए गए मौत के प्राथमिक कारण को ही सही मानते हुए मामला दर्ज कर लेती है। फिर बाद में न्यायालय के जरिए अंतिम रिपोर्ट दे देती है। 75 फीसदी शव 40 वर्ष से अधिक वालों के जनपद में जनवरी से सितंबर तक जितने अज्ञात शव मिले हैं। इनमें 75 फीसदी 40 वर्ष से अधिक के हैं। करीब आधे अज्ञात शव 55 वर्ष से अधिक के हैं। वहीं दस अज्ञात शव महिलाओं के मिले हैं। पिछले वर्ष के आंकड़ों में भी आयु वर्ग कमोबेश ऐसा ही था। पुलिस के दिए कफन में पहुंचे श्मशान व कब्रिस्तान 71 लोगों को जीते जी अपनों का सहारा मिला हो या न मिला हो, लेकिन मरने के बाद उनका कंधा नहींं मिला। इन्हें पुलिस का कफन नसीब हुआ। पुलिस का दावा है कि अधिकतर अज्ञात शव ऐसे हैं जो भिखारी हैं। शवों की पहचान के लिए पुलिस के पास 72 घंटे का समय होता है। इस दौरान पुलिस मृतक की फोटो व पहचान के चिन्ह मीडिया के जरिए प्रकाशित कराती है। इसके अलावा पर्चे छपवाकर विभिन्न जगहों पर चिपकाए जाते हैं।

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