ISIS टेरर मॉड्यूल के तीनों आतंकियों ने कर रखी है इंजीनियरिंग, सालभर से रच रहे थे साजिश

Share

ISIS टेरर मॉड्यूल के तीनों आतंकियों ने कर रखी है इंजीनियरिंग, सालभर से रच रहे थे साजिश

दिल्ली-एनसीआर
आतंकी शाहनवाज ने मार्च 2021 में यूपी के अलीगढ़ में बसंती पटेल उर्फ खदीजा मरियम (परिवर्तित) से शादी कर ली। अलीगढ़ से लौटने के बाद से दिल्ली में कुछ आईईडी बनाने का फैसला किया, जब तक कि उन्हें अफगानिस्तान में हिजरत के लिए कुछ उपयुक्त संपर्क नहीं मिल गए। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को आतंकी साजिश नाकाम करने में बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने आईएसआईएस टेरर मॉड्यूल के तीन आतंकियों को दिल्ली, लखनऊ और मुरादाबाद में छापेमारी कर गिरफ्तार किया है। इनमें एनआईए की लिस्ट में मोस्ट वांटेड और तीन लाख का इनामी मो.शाहनवाज आलम उर्फ शैफी उज्जमा भी शामिल हैं, शाहनवाज पुणे टेरर मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है। तीनों ही आतंकी भारत में धमाके करने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों की पहचान मो.शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ उर्फ मौलाना और मोहम्मद अरशद वारसी के रूप में हुई हैं। तीनों आतंकी पेशे से बीटेक इंजीनियर हैं। शाहनवाज खनन, अरशद वारसी मैकेनिकल और रिजवान ने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की हुई है। इनके के पास से भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने की सामग्री, पिस्टल, कारतूस और बम बनाने के लिखित दस्तावेज और किताबों के अलावा अन्य सामान भी बरामद किया गया है। एक वर्ष से बम बनाने के लिए सामग्री एकत्रित कर रहा था शाहनवाज हजारीबाग, झारखंड में पैदा हुआ शाहनवाज आलम उर्फ अब्दुल्ला उर्फ मोहम्मद इब्राहिम उर्फ प्रिंस के पिता शफीउज्जमा खान शिक्षक थे। अपनी माध्यमिक शिक्षा के दौरान वह एआईईईई कोचिंग के लिए कोटा गया। उसने एआईईईई परीक्षा उत्तीर्ण की और बी.टेक. पूरा किया। वर्ष 2016 में एनआईटी विश्वेश्वरैया, नागपुर से खनन में इंजीनियरिंग की। शाहनवाज आलम प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए नवंबर 2016 में दिल्ली आया। यहां ये अबुल फजल एन्क्लेव में रहकर शाहीन बाग में मुस्लिम धर्म से संबंधित व्याख्यान सुनने जाता था। यही वह समय था जब शाहनवाज ने व्याख्यान छोड़ने का फैसला किया क्योंकि वह अपने कॉलेज के दिनों से आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित था। हैंडलर से बात होनी शुरू हुई शाहनवाज की आईएसआईएस के एक विदेश स्थित हैंडलर से बातचीत शुरू हो गई। रिजवान भी इस हैंडलर से बात करने लगा। मार्च 2021 में शाहनवाज ने यूपी के अलीगढ़ में बसंती पटेल उर्फ खदीजा मरियम (परिवर्तित) से शादी कर ली। अलीगढ़ से लौटने के बाद से दिल्ली में कुछ आईईडी बनाने का फैसला किया, जब तक कि उन्हें अफगानिस्तान में हिजरत के लिए कुछ उपयुक्त संपर्क नहीं मिल गए। आईईडी बनाने के बाद उन्होंने दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड के हलद्वानी में कई जगहों पर उसका परीक्षण किया। अप्रैल 2022 में उनकी मुलाकात पुणे में गिरफ्तार आरोपी इमरान और यूनुस साकी से हुई। 18 जुलाई 2023 को पुलिस गश्त के दौरान शाहनवाज, इमराम और यूनुस को पुणे पुलिस ने उस समय पकड़ लिया, जब वे एक एम/साइकिल की चोरी कर रहे थे, लेकिन शाहनवाज वहां से भागने में सफल रहा। दिसंबर 2022 से, विदेश स्थित हैंडलर शाहनवाज के निर्देश पर रिजवान ने अपने अन्य सहयोगियों के साथ दिल्ली में विस्फोट करने की अपनी साजिश को आगे बढ़ाने के लिए आईईडी तैयार करने के लिए दिल्ली में सामग्री जमा करना शुरू कर दिया था। रिजवान से मुलाकात हुई शाहनवाज की मुलाकात रिजवान अली से 2016 में शाहीन मस्जिद, शाहीन बाग, दिल्ली में हुई थी। कुछ ही समय में अच्छे दोस्त बन गए। शाहनवाज पहले से ही कई आईएसआईएस समर्थक टेलीग्राम संस्थाओं/चैनलों का अनुसरण करता था और रिजवान अली के साथ उन चैनलों का दुरुपयोग करता था, जो आईएसआईएस विचारधारा के प्रति झुकाव रखते थे। शाहनवाज और रिजवान हिजरत के लिए जाना चाहते थे और हिजरत के लिए धन इकट्ठा करने के लिए वे दोनों आपराधिक वारदातों में शामिल हो गए। शाहनवाज को वर्ष 2019 में डकैती और चोरी के कई मामलों में झारखंड के हजारीबाग में गिरफ्तार किया गया था। दिसंबर 2020 में उसे जमानत मिली। जाामिया मिलिया से पीएचडी कर रहा था मोहम्मद अरशद वारसी जिला गढ़वा, झारखंड में पैदा हुए मो. अरशद के पिता शिक्षक हैं। आरोपी ने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से पढ़ाई की और बी.टेक किया। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में (2004-2016) करने के बाद ये दिल्ली आ गया। आगे की पढ़ाई जाामिया मिलिया विश्वविद्यालय में की और मार्केटिंग और ऑपरेशंस (2016-18) में एमबीए पूरा किया। वर्तमान में वह प्रबंधन में इस्लामी सिद्धांतों पर जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा था। दिल्ली में कमरा किराए पर लिया मोहम्मद अरशद वारसी जामिया नगर में दर्श कार्यक्रमों के दौरान शाहनवाज के संपर्क में आया। वह शाहनवाज और अन्य के साथ दिल्ली और आसपास के इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में भाग लेने लगा। इसने बताया है कि शाहनवाज आलम ने हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक खरीदे। उसने अपनी आपराधिक साजिश को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली में किराए का कमरा लिया। मोहम्मद रिजवान अशरफ पुत्र मोहम्मद नजीब अशरफ मोहम्मद रिजवान अशरफ का जन्म सऊदी अरब के जेद्दा में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता, मोहम्मद नजीब अशरफ, सऊदी अरब में शिपिंग कंपनी में क्लर्क के रूप में कार्यरत थे। उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फतेहपुर शहर के नूरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल, जामिया तुल फलाह, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में की और वर्ष 2009 में अरबी में अलीमियात (12वीं के बराबर) पूरी की। इसके बाद इसने (आईटी) 2017 में गाजियाबाद/नोएडा के कॉलेज से बी.टेक. पूरा किया। बी.टेक पूरा करने के बाद वह प्रयागराज लौट गया और शादी कर ली। आईएसआईएस में प्रतिज्ञा ले चुका है मोहम्मद रिजवान अशरफ आईएसआईएस का सदस्य है और शानवाज आलम और रिजवान और इस मॉड्यूल के शेष सदस्यों के समान ही विदेश स्थित हैंडलर के साथ संचार में है। उसने अपने पाक स्थित हैंडलर के माध्यम से आईएसआईएस में प्रतिज्ञा (बैथ) ली। वह एक सामान्य संपर्क के माध्यम से शानवाज आलम और रिजवान के संपर्क में आया और दिल्ली में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल हो गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *