कोचिंग सेंटर में लगी आग के बाद भी नहीं लिया सबक, कोर्ट की सख्ती का आदेश भी बेअसर
दिल्ली
इलाके में अभी भी ज्यादातर पीजी में एक-एक कमरे में कई छात्र-छात्राएं रहते हैं, जबकि 15 जून को मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद खूब हंगामा हुआ था। उस समय हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर एरिया में चल रहे कोचिंग सेंटर को लेकर सख्त आदेश जारी किए थे। मुखर्जी नगर के एन-ब्लॉक में बुधवार रात यदि समय पर बचाव कार्य नहीं होता तो कई छात्राओं की जान चली जाती। इलाके में अभी भी ज्यादातर पीजी में एक-एक कमरे में कई छात्र-छात्राएं रहते हैं, जबकि 15 जून को मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद खूब हंगामा हुआ था। उस समय हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर एरिया में चल रहे कोचिंग सेंटर को लेकर सख्त आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद पीजी संचालक सबक नहीं ले रहे हैं। लगातार लापरवाही बरती जा रही है। कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस, दमकल विभाग और नगर निगम को कोचिंग सेंटरों की जांच करने के लिए कहा था। यह भी कहा गया था कि जिन कोचिंग सेंटरों को पास दमकल विभाग की एनओसी नहीं हैं, उन्हें बंद कर दिया जाए। कुछ दिनों के लिए लगा अब बड़ी कार्रवाई होगी। बीस कोचिंग सेंटर को सील कर 80 को नोटिस जारी कर दिए गए, लेकिन समय बीतने के साथ सब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब दोबारा सब कुछ वैसा ही हो गया है। अलबत्ता गुच्छों की तरह लगे बिजली को मीटरों को व्यवस्थित करने की पहल जरूर की गई है, लेकिन वापस कोचिंग सेंटर और पीजी में सभी छात्राें को उसी तरह ठूंस-ठूंसकर रखा या पढ़ाया जा रहा है। मुखर्जी नगर निवासी सुधा गुप्ता ने बताया कि एरिया में करीब 500 से ज्यादा छोटे-बड़े कोचिंग सेंटर हैं और लगभग 300 से ज्यादा पीजी भी चलाए जा रहे हैं। उनकी स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है। मजबूरी में छात्र यहां रहने को मजबूर हैं। पीजी संचालकों के पास आग से बचने इंतजाम भी नहीं हैं। पूरे एरिया को व्यवसायिक बना दिया गया है। कई एनजीओ और आरडब्ल्यूए इसके लिए लड़ाई भी लड़ रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब यहां का सर्वे कराया गया था तो पता चला था कि महज 67 कोचिंग सेंटर के पास दमकल विभाग की एनओसी मौजूद है। इसके अलावा सभी कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन कर चलाए जा रहे हैं। यहां आग से बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां सख्ती जाती तो इन कोचिंग सेंटर व पीजी पर ताला लग जाता, लेकिन शायद प्रशासन को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें