वाहन की टक्कर से हर साल दिल्ली में मर जाते हैं 30 फीसदी लोग, इतनी आई कमी
देशभर में हिट एंड रन के नए कानून को लेकर ड्राइवरों की हड़ताल खत्म हो चुकी है। वहीं दिल्ली में हिट एंड रन से होने वाली मौतों को लेकर एक आकंड़ा सामने आया है। जिसमें बताया गया है कि राजधानी में 30 फीसदी लोग हिट एंड रन से मर जाते हैं। शभर में हिट एंड रन के नए कानून का विरोध होने के बाद हड़ताल खत्म हो चुकी है। इसी बीच हिट एंड रन के आंकड़ों को लेकर एक जानकारी सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि राजधानी दिल्ली में 30 फीसदी लोगों की मौत हिट एंड रन से हो जाती है। बीते साल के मुकाबले इस साल एक फीसदी की कमी आई है। साल में आए 5834 मामलों में से 1751 मामले सिर्फ हिट एंड रन के थे। सरी तरफ दिल्ली के जंतर मंतर पर विभिन्न ट्रक, बस व ऑटो यूनियन कानून वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है। बीते बुधवार को ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी संगठन, दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन, राजधानी टूरिस्ट ड्राइवर यूनियन समेत अन्य संगठनों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर लिए देश भर के विभिन्न राज्यों से आकर यहां एकत्रित हुए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाते हुए बताया कि यह कानून चालकों के हित में नहीं है। इस कानून के तहत शोषण किया जाएगा। दिल्ली ऑटो टैक्सी संघ के अध्यक्ष ने कहा था कि ज्यादातर हादसों में वाहन चालक की कोई गलती नहीं होती है। नए कानून में कोई अपील-दलील नहीं सुनी जाएगी। सीधे कार्रवाई होगी। इसलिए यह कानून देशहित में नहीं है। इसे वापस लिया जाए।कानून वापसी को लेकर ही सभी व्यावसायिक वाहनों के ड्राइवर हड़ताल पर ही रहेंगे। अभी इस कानून को लागू नहीं किया गया है। अगर यह नया कानून लागू हो जाता है तो ड्राइवर्स पर दुर्घटना के समय भाग जाने पर 10 लाख का जुर्माना और 7 साल की सजा होगी।