इस कंपनी के बनेंगे हर महीने दो लाख स्मार्टफोन, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्लांट का किया शुभारंभ
दिल्ली-एनसीआर स्मार्टफोन का उत्पादन बढ़ाने के लिए डिक्सन टेक्नोलॉजी ने पैजेट इलेक्ट्रॉनिक्स को अधिग्रहित कर प्लांट बनाया है। यहां हर वर्ष करीब 2.5 करोड़ स्मार्टफोन के अलावा यहां इंटरनेट राउटर का भी उत्पादन किया जाएगा। नोएडा के सेक्टर-68 की कंपनी में हर माह दो लाख स्मार्टफोन का निर्माण होगा। गुरुवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिक्सन टेक्नोलॉजी के आधुनिक प्लांट का शुभारंभ किया। स्मार्टफोन का उत्पादन बढ़ाने के लिए डिक्सन टेक्नोलॉजी ने पैजेट इलेक्ट्रॉनिक्स को अधिग्रहित कर प्लांट बनाया है। यहां हर वर्ष करीब 2.5 करोड़ स्मार्टफोन के अलावा यहां इंटरनेट राउटर का भी उत्पादन किया जाएगा। फिलहाल यहां चीन की कंपनी शाओमी के लिए मोबाइल बनाए जाएंगे। इस प्लांट में कंपनी ने करीब 256 करोड़ रुपये का निवेश किया है। कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सुनील वाचानी ने कहा कि नया प्लांट शुरू होने से देश में स्मार्टफोन उत्पादन की संख्या बढ़ेगी। वहीं प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने बताया कि स्थानीय स्तर पर स्मार्टफोन उत्पादन के लिए नया प्लांट मजबूत और विश्वस्तरीय प्रोद्योगिकी के परिवेश को तैयार करेगा। री तरह सफल है मेक इन इंडिया कार्यक्रम मीडियाकर्मियों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम पूरी तरह सफल बताया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के जमाने में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की हालत खराब थी। भ्रष्टाचार की वजह से विदेशों में साख खराब थी। जिससे निवेश नहीं आ रहा था। जबकि पिछले 10 साल में भाजपा सरकार में हालात बदल चुके हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल या ऑटोमोबाइल फैक्ट्री में प्रोडक्शन लाइन पर छोटे-छोटे पुर्जों को जोड़कर जब उत्पाद बनता है। वह असेंबलिंग नहीं मैन्युफैक्चरिंग है। आज देश में भारत में बने 99 फीसदी फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव योजना से मोबाइल उत्पादन की दिशा बदल गई है। आज भारत में बने फोन की आपूर्ति यूरोप और अमेरिका तक की जा रही है। इंटरनेट कंपनियों की जिम्मेदारी हो रही तय केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस (एआई) के डीपफेक जैसे दुरुपयोग को रोकने के लिए गंभीरता से काम हो रहा है। पिछले दिनों इंटरनेट के जरिये ऐसी कंपनियों के लिए कंटेंट के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की बैठक बुलाई गई थी। ऐसे फेक कंटेंट को हटाया जा रहा है। आगे भी ऐसे कंटेंट न उपलब्ध हों इसके लिए सभी कंपनियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। दुरुपयोग को रोकने के लिए भविष्य में जरूरत होने पर विस्तृत नीति भी सरकार लेकर आएगी। आर्थिक ठगी व अन्य साइबर क्राइम भी काफी कम हो गया है।