तिहाड़ में रह रहे क्षमता से दो गुने कैदी, प्रशासन चिंतित; नई जेल के निर्माण की मंजूरी का इंतजार

Share

तिहाड़ में रह रहे क्षमता से दो गुने कैदी, प्रशासन चिंतित; नई जेल के निर्माण की मंजूरी का इंतजार

दिल्ली-एनसीआर
जेल प्रशासन का कहना है कि नियमों के मुताबिक, पहली बार अपराध करने वाले कैदियों को इसी जेल में रखना अनिवार्य है। इसकी वजह से यहां कैदियों की संख्या अधिक है। तिहाड़ के सोलह जेलों में क्षमता से दोगुने कैदी बंद हैं, लेकिन यहां एक जेल ऐसी भी है जहां क्षमता से पांच गुना कैदी बंद हैं। यह है तिहाड़ की चार नंबर वाली मलाहिजा जेल। इसमें पहली बार अपराध करने वाले कैदियों को रखा जाता है। जेल प्रशासन का कहना है कि नियमों के मुताबिक, पहली बार अपराध करने वाले कैदियों को इसी जेल में रखना अनिवार्य है। इसकी वजह से यहां कैदियों की संख्या अधिक है। जेल प्रशासन कैदियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तिहाड़ के दूसरी जेल को मुलाहिजा जेल में तब्दील करने पर विचार कर रहा है। जेल अधिकारियों का कहना है कि अदालत के आदेश पर साल 2022 के अप्रैल माह में तिहाड़ के चार नंबर जेल को मुलाहिजा जेल बनाया गया था। इसका उद्देश्य पहली बार अपराध करने वाले कैदियो को उन अपराधियों के संपर्क से आने से बचाना है, जो आदतन अपराधी हैं। माना जाता है पहली बार अपराध करने वाले कैदियों के सुधरने की संभावना आदतन अपराधियों की तुलना में काफी अधिक होती है। जेल प्रशासन का कहना है कि पहली बार अपराध करने वाले कैदियों को इसी जेल में रखना अनिवार्य है। इस जेल में 740 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन कैदियों की संख्या लगातार बढ़ने से वर्तमान में इस जेल में क्षमता से पांच गुना यानि 3751 कैदी रह रहे हैं। इससे जेल प्रशासन भी चिंतित हैं। 16 जेलों में रह रहे क्षमता से दोगुने कैदी तिहाड़ की अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं। वर्तमान समय में तिहाड़ की कुल 16 जेलों में क्षमता से दोगुने कैदी बंद हैं। कैदियों की संख्या बढ़ती संख्या को देखते हुए दिल्ली में एक नए जेल के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जेल के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद जेल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अभी दिल्ली की कुल 16 जेलों में 10026 कैदियों को रखने की क्षमता है, लेकिन इनमें 20098 कैदी बंद हैं। जेल अफसरों का कहना है कि इस समस्या का समाधान नई मुलाहिजा जेल का निर्माण करना है। इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। जेल सूत्रों का कहना है कि जेल प्रशासन मंडोली के जेल संख्या 12 को मुलाहिजा जेल के तौर पर विकसित करने पर विचार कर रहा है। जेल अधिकारियों का कहना है कि नरेला में भी नई जेल के निर्माण का काम जल्द शुरु होने की उम्मीद है। इसके बाद सभी जेलों से कैदियों का दबाव कम हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *