तक़वा गर्ल्स स्कूल की बच्चियां दे दे रही हैं आवाज़, आओ अंधेरों को इल्म की रौशनी से करें दूर
यह ज़रूरी नही की बड़े स्कूल में ही पढ़ कर हम कर सकते है तरक्की: रहमत फातिमा
गर्मी के छुट्टियों में अपने घर की बच्चियों को तालीम के जेवर से करें आरास्ता
भदोही। तक़वा गर्ल्स इस्लामिक स्कूल की बच्चियां दे रही हैं आवाज़, आओ अंधेरो को इल्म की रौशनी से दूर करें। जिले में वाहिद एक ऐसा मदरसा है जो दुनियावी तालीम से लेकर दीनी तालीम तक समाज के हर तबके के बच्चियों की ज़िंदगी को तालीम के जेवर से सजाया जा रहा है। वह कोई और मदरसा नही बल्कि अपने भदोही शहर के जलालपुर स्थित मदरसा तक़वा गर्ल्स इस्लामिक स्कूल है जहां की बच्चियां समाज के लिए नजीर बन रही हैं। स्कूल में बच्चियां कुरआन को पढ़ कर व सुन्नते नबी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पर अमल कर समाज को तरक्की की तरफ ले जाने का काम कर रही हैं। इस जदीद दौर में स्कूल की बच्चियों द्वारा यह सिद्ध किया जा रहा है कि कुरआन को पढ़ कर ही हम तरक्की कर सकते है। उक्त बातें मदरसा तक़वा गर्ल्स इस्लामिक स्कूल की असातिज़ा रहमत फातिमा ने चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा यह जरूरी नही की बड़े स्कूलों में तालीम हासिल कर हम तरक्की कर सकते हैं बल्कि हम तक़वा गर्ल्स इस्लामिक स्कूल में भी पढ़ कर ऊंचा मुकाम हासिल कर सकते है। कहा मदरसे में दीनी तालीम से लेकर दुनियावी तालीम दी जाती है। कहा स्कूल में साइंस, जाग्राफी, मैथमेटिक्स, हिस्ट्री आदि सब्जेक्ट की तालीम से सरफराज कर बच्चियों को इल्म के जेवर से मोज़इय्यन किया जा रहा है। श्रीमती फातमा ने कहा स्कूल में पर्दे की जो तालीम दी जा रही है उसका मतलब यह नही है कि बच्चियों को कैद करके रखा जाय बल्कि समाज मे वे किस तरह से अपने आपको सुरक्षित होकर चलें। बच्चियों को तहारत व उम्दा अखलाक के लिए दर्स दी जाती है ताकि वे मआशरे को खुशनुमा बना सके। उन्होंने कहा गर्मियों की छुट्टी में अपने घर के बच्चियों को इल्म के जेवर से आरास्ता करें। रमजान शरीफ के पाक महीने में भी दीनी व दुनियावी तालीम देने के लिए स्कूल की असातिज़ा द्वारा बच्चियों को निखारने का काम किया जाएगा। वहीं मदरसे के चेयरमैन अब्दुल कादिर बाबू अंसारी ने कहा कि तालीम हासिल कराने के लिए हम हर तरह से तैयार हैं। कहा हमारी कोशिश यही रहती है कि समाज का हर तबका तालीम के जेवर से चमकता हुआ नजर आए। कहा हर वर्ष मदरसे से पढ़ लिख कर फारिग हुईं बच्चियां तक़वा गर्ल्स स्कूल का ही नही बल्कि पूरे समाज का सिर बुलंद कर रही है जो काबिले फख्र की बात है। कहा बच्चियों के तालीम हासिल करने पर नस्लें सुधरती है इसलिए जितना बच्चो को तरजीह दे उससे कहीं ज्यादा बच्चियों के तालीम पर ध्यान देने की ज़रूरत है ताकि घर परिवार के साथ-साथ पूरे समाज को तालीम के रौशनी से आरास्ता किया जा सके। उन्होंने कहा मदरसे में हर तबके के बच्चियों को तालीम की जेवर से सजाने व उनको स्वाबलंबी बनाने के लिए सिलाई, कढ़ाई, कम्पयूटर व कुकिंग की तालीम से छात्राओं की ज़िंदगी को संवारा जा रहा है। उन्होंने कहा दीनी व दुनियावी तालीम के लिए हर फर्द को बेदार करना ही मदरसा तक़वा गर्ल्स इस्लामिक स्कूल का मक़सद है।