मासिक काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन
महराजगंज/रायबरेली
स्थानीय दानेश्वर मंदिर परिसर में स्वामी हरिदास स्मृति साहित्य सेवा संस्थान साहित्य सुगंध द्वारा काव्य संगोष्ठी का आयोजन हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता अवधी के वरिष्ठ रचनाकार कमलेश कुमार जायसवाल मित्र ने की,मुख्य अतिथि चन्द्र प्रकाश शुक्ल सरेनी रहे।कार्यक्रम का कुशल संचालन कविराज -शिवकुमार सिंह शिव ने किया वाणी वन्दना दुर्गेश प्रेमी ने की।रचना पाठ करते हुए श्री राम अंजान ने पढ़ा -आदमी का आदमी से स्वार्थ बिन जब प्यार होई,कब वहै भिंनसार होई,कब वहै भिंनसार होई। मनोज सिंह मनोज ने पढ़ा -राम लला आसीन भे झंझट झेलि तमाम।हाथ के हाथ मा कुछ नहीं पप्पू चूसैं आम।।शिव कुमार सिंह शिव ने पढ़ा-चलो अयोध्या बुला रही है राम का दर्शन करने को।आज सनातन जाग चुका है पूंजन अर्चन करने को।। दुर्गेश प्रेमी ने पढा -हजारो दर्द मन्द मिलते हैं,काम के लोग चन्द मिलते हैं।जब मुसीबत का वक्त आता है, दरवाजे सबके बन्द मिलते हैं।।चन्द्र प्रकाश शुक्ल ने पढ़ा -धाम के काम से न निकलेगा समय,राम के काम से राम ही बोल दो।।अंत में अध्यक्षता कर रहे कमलेश कुमार जायसवाल मित्र ने पढ़ा -चाहता हूँ उड़ चलूं उड़ते परिन्दा की तरह,जी रहा हूँ किस तरह बस एक जिन्दा की तरह।उम्र के इतिहास पर भूगोल की आबोहवा, चारपाई पर पड़ा हूँ बस पुलिंदा की तरह।।जिसमें विशेष रूप से, अशोक,गिरीश,गौरव संजीव,सोनू आदि लोग उपस्थित रहे।