तिब्बत की आजादी से भारत की भौगोलिक सीमाओं को सुरक्षित करना ही हमारा धर्म है 

Share
तिब्बत की आजादी से भारत की भौगोलिक सीमाओं को सुरक्षित करना ही हमारा धर्म है
अजीत विक्रम
गाजीपुर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस होटल अतिथि कन्टोनेन्ट गाजीपुर में भारत तिब्बत समन्वय संघ के महामंत्री मानवेन्द्र सिंह मानव राष्ट्रीय महामंत्री तिब्बत समन्वय संघ   ने भारत और तिब्बत के संगठन पर चर्चा करते हुए कहा कि भारत और तिब्बत दोनों ही धार्मिक भावनाओं से ओत-प्रोत दो ऐसे देश हैं जो अपने सह-अस्तित्व को सदा से ही मान देते आए हैं और एक-दूसरे की समस्याओं को साझा प्रयासों से सुलझाना अपना दायित्व समझते हैं। यही कारण था कि चीनी अतिक्रमण से ले कर आक्रमण तक की यातना के बाद वर्ष 1959 में जब परम् पावन दलाई लामा जी को दुनिया का सबसे अनुकूल देश दिखा तो वह भारत ही लगा। हमारे देश में रह रहे तिब्बती भाई-बहन तो अपने अधिकारों से वंचित होने के कारण जीवन में आगे बढ़ने के अपने प्रयासों में पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाते हैं इसलिए उन्हें सकारात्मक शक्ति की ओर प्रेरित करना। स्वभाव से शांत और अपने मत के प्रति गहरी आस्था रखने वाले तिब्बतियों पर चीन की सेना का पहरा और भारत की जो सीमाऐं तिब्बत से सटी थीं, उन पर चीन का कब्जा होने के कारण, तिब्बतियों की अपनी घर वापसी बहुत कठिन है आदि योगी शिव का मूल स्थान मानसरोवर, हिंदुओं की आस्था का एक महत्वपूर्ण तीर्थ है और तिब्बत में स्थित है । उस पर चीन का कब्जा होने के कारण बस मुट्ठी भर लोग ही हर वर्ष दर्शन कर पाते हैं। तिब्बत की स्वतंत्रता का अर्थ होगा मानसरोवर की स्वतंत्रता और यह हमारे संघ का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है । तिब्बत की आजादी से भारत की भौगोलिक सीमाएं सुरक्षित होंगी और विश्व पटल पर तथा एशियाई महाद्वीप में भारत अपने आप को एक मजबूत देश के रूप में स्थापित करने में सफल होगा ।चीन से हमारे देश की लड़ाई सिर्फ वैचारिक नहीं है बल्कि भौगोलिक भी है, जहां चीन ने धरातल पर भारत की भूमि के बड़े हिस्से को हथिआया है । भारत तिब्बत समन्वय संघ से जुड़े आर्मी के अवकाश प्राप्त अफ़सर, विश्वविद्यालय प्रोफेसर, समाजसेवी व युवा सभी इस मत को एक स्वर में गुंजित कर, देश-विदेश की सरकारों व संस्थाओं का ध्यान इस विषय पर आकर्षित कर भारत और तिब्बत दोनों को ही न्याय दिलाने का उद्देश्य रखती है ।संगठन का मुख्य उद्देश्य है तिब्बत की स्वतंत्रता तिब्बतियों का पुनर्वास, भारत में तिब्बतियों के अधिकार, तिब्बत की निर्वासित सरकार को सहयोग, मानसरोवर की स्वतंत्रता, हिन्दू तीर्थ कैलाश-मानसरोवर पर भारत का नियंत्रण, भारत की सीमाओं को चीन के कब्जे से मुक्त कराना, भारतीयों और तिब्बतियों में आपसी सदभाव बढ़ाना। इन सबके साथ, चाइनीज सामानों का पूर्ण बहिष्कार ताकि हम आर्थिक रूप से चीन को चोट दे कर तगड़ा सबक दें।संगठन ने संकल्प लिया कि हे महादेव! ओ शिव भोले !!हे बुद्ध देव! ओ विष्णुरूप !!मैं आपका स्मरण कर संकल्प लेता/लेती हूँ कि मैं तिब्बत की स्वतंत्रता व कैलाश-मानसरोवर की मुक्ति होने तक तन, मन, धन से श्रद्धापूर्वक “भारत तिब्बत समन्वय संघ” के पवित्र मिशन से जुड़ कर कार्य करूंगा। स्वर्गभूमि त्रिविष्टप व उसमें निहित शंकर भगवान के मूल धाम कैलाश-मानसरोवर की मुक्ति-संग्राम के लिए हमारा यह संकल्प है। कार्यक्रम में जिला संरक्षक डा डी पी सिंह, जिलाध्यक्ष सुधाकर सिंह,जिला उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह, आनन्द सिंह, युवा जिला उपाध्यक्ष मनीष जायसवाल व अन्य लोग उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *