87 घंटों से जिंदगी के लिए जंग लड़ रही मेहविश हार गई
लोनी। रूपनगर कॉलोनी में अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए धमाके से घायल हुई मेहविश (40) की उपचार के दौरान मंगलवार रात करीब ढाई बजे मौत हो गई। मेहविश दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में 87 घंटों तक मौत से लड़ती रही। उधर घटना में घायल गीता, शाहिस्ता और नूरी की हालत ठीक नहीं है। मेहविश के दूसरे पति इब्राहिम उर्फ राजू ने बताया कि मंगलवार रात करीब 2.10 बजे उनकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब होनी शुरू हुई। उन्होंने जल्द डॉक्टरों को बुलाया। डॉक्टरों की टीम ने तुरंत उपचार शुरू किया। मेहविश की दिल की धड़कन थमने लगी। करीब 20 मिनट तक डॉक्टरों की टीम मेहविश को बचाने की कोशिश करती रही। ढाई बजे मेहविश की दिल की धड़कन थम गई। डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मेहविश की मौत की जानकारी उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों को दी। उन्होंने बताया कि बुधवार शाम मेहविश का शव लोनी प्रेमनगर कॉलोनी स्थित घर पहुंचा। यहां परिजनों ने कॉलोनी के पास कब्रिस्तान में मेहविश के शव को सुपुर्दे खाक कर दिया। परिजनों ने मेहविश की कब्र उसके बेटे इमरान के पास बनाई थी। उन्होंने बताया कि मेहविश के पहले पति फिरोज की बीमारी के चलते करीब 8 साल पहले मौत हो गई थी। करीब पांच साल पहले मेहविश की शादी इब्राहिम उर्फ राजू के साथ हुई थी। राजू दिल्ली के गोविंदपुरी में डब्बे बनाने का कारखाना चलाता है। वह दिल्ली में ही रहता है। 12 दिनों में वह प्रेम नगर कॉलोनी स्थित घर में चक्कर मारता रहता था। मेहविश के तीन बेटे इमरान, फरदीन, फरहान और एक बेटी कायनात है। इस घटना में मेहविश का बेटा फरदीन भी घायल हुआ था जिसको उपचार के बाद छुट्टी मिल गई थी।मेहविश पटाखा फैक्टरी में धमाके के दौरान अपने दो बेटे इमरान और फरदीन के साथ काम कर रही थी। तीनों को फैक्टरी मालिक 200 रुपये रोज के हिसाब से 6 हजार रुपये महीने देता था। इब्राहिम ने बताया कि वह अपनी पत्नी को फैक्टरी में काम करने से मना करता था। फैक्टरी में काम करने को लेकर दोनों में झगड़ा भी होता था। पति का हाथ बटाने के लिए वह इस फैक्टरी में काम कर रही थी। करीब 10 दिन पहले ही इब्राहिम दिल्ली अपनी फैक्टरी में गया था। उनका कहना है कि तब उनका परिवार इस फैक्टरी में काम नहीं कर रहा था। करीब पांच दिनों पूर्व ही उनकी पत्नी और दोनों बच्चों ने फैक्टरी में जाना शुरू किया था। उनकी पत्नी ने फैक्टरी में दोबारा काम करने की जानकारी उन्हें नहीं दी थी। घटना वाले दिन शनिवार को इब्राहिम को लोनी आना था। लेकिन काम के चलते वह नहीं आया। उन्होंने कहा कि अगर वह शनिवार को घर आ जाते, तो उनका परिवार इस घटना से बच सकता था। घायल किशोरी समेत तीन की हालत खराब पटाखा फैक्टरी में हुई घटना में घायल नूरी, गीता और शाहिस्ता की भी हालत खराब होती जा रही है। डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों पर पल-पल की नजर बनाए हुई है। नूरी, गीता और शाहिस्ता के परिजन उनके ठीक होने की दुआ मांग रहे हैं। उधर पांच दिनों में मां और एक भाई को खोने के बाद फरदीन और फरहान पूरी तरह टूट गए हैं। भाई इमरान की मौत के बाद जब मां मेहविश की मौत की खबर सुनी, तो बेसुध हो गए। मां का शव जब घर आया, तो वह उससे लिपट कर रोने लगे। मां का शव देखकर दोनों बेहोश हो गए। परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों ने उन्हें संभाला।जल्द चार्जशीट पेश करेगी पुलिस एसीपी रजनीश कुमार उपाध्याय ने बताया कि रूपनगर कॉलोनी में अवैध पटाखा फैक्टरी के संचालक शारिक के खिलाफ पुलिस जल्द चार्जशीट कोर्ट में पेश करेगी। पुलिस इस मामले में सबूत एकत्रित कर रही है। इस मामले में इमरान, अलीना, अलीशा और मेहविस की मौत हो गई है। बाकी अन्य का इलाज चल रहा है। ह था मामला रूपनगर कॉलोनी में अवैध रूप से एक पटाखा बनाने की फैक्टरी चल रही थी। इस फैक्टरी को शारिक चला रहा था। शारिक फर्रूखनगर में रहने वाले एक कारोबारी विकास के ऑर्डर पर पटाखा बना रहा था। शनिवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे फैक्टरी में धमाका हुआ था। धमाके के दौरान फैक्टरी में काम कर रहे मेहविश, इमरान, फरदीन, शाहिस्ता, अलीना, अलीशा, गीता, नूरी काम कर रहे थे। सभी मलबे में दब गए थे। पुलिस और अन्य टीमों मलबे से निकाल कर घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया था। शनिवार को इमरान, अलीना और अलीशा की मौत हो गई थी।