एलजी ने जाम खत्म करने के लिए कई परियोजनाओं को दी मंजूरी, यातायात व्यवस्था होगी मजबूत
दिल्ली-एनसीआर
उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में विशेषज्ञ संस्था यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर (यूटीटीआईपीईसी) की गवर्निंग बॉडी की बैठक में योजनाओं को मंजूरी दी गई है। राजधानी की यातायात व्यवस्था को बेहतर करने की दिशा में राजनिवास ने बड़ा कदम बढ़ाया है। इसमें जरूरत के हिसाब से रेलवे ओवर ब्रिज, फुटओवर ब्रिज, पैदल पार पथ व साइकिल लेन, मेट्रो स्टेशन के नजदीक आवाजाही ठीक करने लिए एक-दूसरे से जुड़ा हुआ मल्टीमॉडल ट्रांजिट प्लान याेजनाएं लागू की जाएंगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में विशेषज्ञ संस्था यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर (यूटीटीआईपीईसी) की गवर्निंग बॉडी की बैठक में योजनाओं को मंजूरी दी गई है। किराड़ी रेलवे लेवल क्रॉसिंग नंबर 12सी व घेवरा रेलवे लेवल क्रॉसिंग नंबर 18 पर रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) बनेंगे, जबकि नरेला मंडी रेलवे क्रॉसिंग नंबर 16 पर रेल अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनेगा। पुराना किला-प्रगति मैदान-चिड़ियाघर क्षेत्र में राहगीरों के लिए अलग से रास्ता बनेगा, जबकि तीस हजारी, रिठाला और सीलमपुर मेट्रो स्टेशनों के लिए मल्टी मॉडल एकीकृत योजना लागू होगी। बैठक में उपराज्यपाल ने मंडी रोड परियोजना के विकास की समीक्षा की। इसे यूटीपैक की पिछली बैठक में मंजूरी दी गई थी। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि भविष्य की बैठकों में मंजूरी के लिए निश्चित समयसीमा के साथ प्रोजेक्ट पेश करें। उपराज्यपाल ने कहा कि परियोजना को तैयार करने और अंतिम रूप देने से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध नवीनतम तकनीकों को ध्यान में रखें। इस तरह की आवश्यकता पर उन्होंने जोर देने को कहा। प्रस्तावों को अंतिम रूप देने से पहले अनुमानित यातायात मात्रा, जनसंख्या और आवासीय इलाकों को ध्यान में रखते हुए व्यापक संभावित योजना बनाएं। यह भी निर्देश दिया कि अनुमोदन के लिए लाई गई भविष्य की सभी परियोजनाओं को उनके कार्यान्वयन के लिए निश्चित समय सीमा के साथ जोड़ा जाए। मेट्रो स्टेशन पर मल्टी मॉडल एकीकरण योजना को स्वीकृति बैठक में मथुरा रोड के आसपास पुराना किला, आईटीपीओ कॉम्प्लेक्स और चिड़ियाघर के आसपास के क्षेत्र की वॉकेबिलिटी योजना को भी मंजूरी दी गई। इसके साथ ही तीस हजारी, रिठाला और सीलमपुर मेट्रो स्टेशनों की मल्टी मॉडल एकीकृत योजनाएं, जिसमें इंटरकनेक्टेड स्ट्रीट नेटवर्क, स्ट्रीट डिजाइन, सिग्नलयुक्त और ग्रेड सेपरेटर से अलग सड़क क्रॉसिंग, मॉडल इंटरचेंज स्थान और बस, ऑटो रिक्शा व निजी कार के लिए पार्किंग शामिल हैं। पार्किंग, सार्वजनिक शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, हॉकर जोन, साइनेज बोर्ड और सड़क मानचित्र और लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक परिवहन को भी मंजूरी दी गई। मार्च की कार्रवाई रिपोर्ट पर भी हुई बातमार्च में हुई पिछली बैठक की एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) पर चर्चा करते हुए उपराज्यपाल ने पिछली बैठक में मंजूर की गई मंडी रोड परियोजना में हुई प्रगति के बारे में जानकारी ली। उन्हें सूचित किया गया कि पिछली बैठक में तय किए गए 30 मीटर के आरओडब्ल्यू को दिखाने वाले चित्र जारी किए गए थे। सड़क को सीध में लाने के लिए खसरा योजना लागू की गई थी। पीडब्ल्यूडी को जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करनी थी। आरओबी व आरयूबी से रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम से मिलेगी राहत किराड़ी और घेवरा लेवल क्रॉसिंग नंबर 12 व 18 और ननरेला मंडी रेलवे लेवल क्रॉसिंग नंबर 16 की रेलवे लाइनों पर हर दिन औसत 100 ट्रेनें गुजरती हैं। कई बार क्रॉसिंग कम से कम 10 घंटे के दौरान लगातार बंद की जाती है। इससे भारी जाम, भीड़भाड़, समय की हानि और परेशानी बढ़ती है। वाहनों से प्रदूषण होता है। ऐसे में एमसीडी की ओर से बनाए जाने वाले आरओबी और आरयूबी उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के भारी भीड़भाड़ वाले और आबादी वाले इलाकों में यातायात की स्थिति से निपटने में मदद करेंगे। किराड़ी, कंझावला, घेवरा, बवाना और बहादुरगढ़ के लिए आवागमन सुलभ हो सकेगा।