प्रदूषण पर वार के लिए योजना तैयार, मुख्यमंत्री केजरीवाल शुक्रवार को करेंगे विंटर एक्शन प्लान की घोषणा
दिल्ली
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री 29 सितंबर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करेंगे। प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार 15 फोकस बिंदुओं पर विंटर एक्शन प्लान बना रही है। इसके लिए दिल्ली सचिवालय में संबंधित 28 विभागों के साथ 14 सितंबर को संयुक्त बैठक की गई थी।
प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार का प्लान तैयार हो गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री 29 सितंबर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करेंगे। प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार 15 फोकस बिंदुओं पर विंटर एक्शन प्लान बना रही है। इसके लिए दिल्ली सचिवालय में संबंधित 28 विभागों के साथ 14 सितंबर को संयुक्त बैठक की गई थी। बैठक में पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी , विकास विभाग, दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, सीपीडब्लूडी, डीडीए, दिल्ली पुलिस, डीटीसी, राजस्व विभाग, डीएसआईआईडीसी , शिक्षा विभाग , डीएमआरसी ,पीडब्लूडी, ट्रांसपोर्ट विभाग , एनएचएआई , दिल्ली जल बोर्ड, डूसिब, एनडीएमसी सहित अन्य विभागों के अधिकारी शामिल थे। सभी विभागों को 25 तक पर्यावरण विभाग को विस्तृत कार्ययोजना सौंपने के निर्देश दिए गए थे। रिपोर्ट के आधार पर तैयार हुआ प्लान : राय दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सुझावों व रिपोर्ट के आधार विंटर एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। इसे मुख्यमंत्री दिल्ली के लोगों के सामने रखेंगे। उसके बाद सभी विभागों के साथ सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए काम करेंगे। राय ने कहा कि इस बार प्रदूषण को कम करने के लिए हॉटस्पॉट पर विशेष निगरानी की जाएगी और 13 हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग कार्य योजना बनाई जाएगी। धूल रोकने का प्रयास मंत्री गोपाल राय ने कहा कि निर्माण कार्य से संबंधित सभी एजेंसियों को धूल प्रदूषण से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। नियमों का पालन नहीं करने वाली एजेसियों पर कार्रवाई की जाएगी। पड़ोसी राज्यों संग मिलकर प्रदूषण को रोकेगी दिल्ली सर्दियों के दौरान होने वाले प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए दिल्ली पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी। इसे लेकर एक खाका तैयार किया गया है। दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता वाले इंटर-राज्य/इंटर-यूटी फोरम में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मिलकर काम करने का अनुरोध किया। इस बैठक में पंजाब के सहयोग न करने का मामला छाया रहा। बैठक में बताया गया कि पिछली बैठक में पंजाब को पराली जलाने की घटना को रोकने को कहा गया था, लेकिन इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ।जबकि राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने बेहतर प्रयास किए। पराली के धुएं के कारण दिल्ली में स्थिति खराब होती है। बैठक में एलजी ने कहा कि दिल्ली वायु प्रदूषण के स्थानीय कारणों को रोकने का काम कर रही है। इसमें एंड-टू-एंड कारपेटिंग और फुटपाथों को हरा-भरा करने, निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने और पानी के छिड़काव, 500 इलेक्ट्रिक बसें लाने सहित अन्य प्रयास शामिल हैं। यमुना में प्रदूषण होगा कम : यमुना में प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही पेयजल की स्थिति सुधारने की दिशा में भी काम हो रहा है। पेयजल की आपूर्ति बढ़ाने के लिए समझौते किए गए हैं। वहीं, यमुना में गंदे नाले के पानी से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए हरियाणा ने अच्छा काम किया। गंदे पानी को साफ करने के लिए गुरुग्राम में टीडी-1 और टीडी-2 से नाले के पानी का उपचार करने के लिए रोका व मोड़ा गया।