अवैध पटाखा फैक्टरी के मालिक पर गैर इरादतन हत्या का केस
लोनी। रूपनगर काॅलोनी में शनिवार सुबह अवैध पटाखा फैक्टरी में विस्फोट हो जाने से दो बहनों समेत तीन की मौत हो जाने के मामले में पुलिस ने अपनी ओर से केस दर्ज किया है। इसमें फैक्टरी चला रहे बागपत के रमाला के लूंब गांव का निवासी शारिक चला रहा था। उसे हिरासत में ले लिया गया है। सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जा सकता है। उससे पूछताछ में पता चला है कि उसे यह भवन रंग-रोगन का काम करने के लिए रहीसू से किराए पर लिया था। इसकी आड़ में वह पटाखा फैक्टरी चला रहा था। इसमें बच्चों और महिलाओं से काम करवाया जा रहा था। उन्हें किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। न ही फैक्टरी में विस्फोटक सामग्री को व्यवस्थित ढंग से रखने के लिए किसी को जिम्मेदारी दी गई है। फैक्टरी का गेट बाहर से बंद रखा जाता था। इन सब वजहों से ही पुलिस ने शारिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। तीन जिंदगियों के मौत में बदल जाने की वजह उसकी लापरवाही को माना गया है। मौके पर फटे पटाखों के काफी मात्रा में अवशेष मिले हैं। यह मकान पहले नूर आलम के नाम पर था। उन्होंने यह कुछ दिनों पहले बेच दिया था। फरवरी 2011 में उन्होंने अपने मकान में 2 किलो वाट का बिजली का कनेक्शन लिया था। इसी कनेक्शन पर फैक्टरी चल रही थी तीन की हुई थी मौत: रूपनगर कॉलोनी स्थित घनी आबादी के बीच अवैध रूप से चल रही पटाखा बनाने की फैक्टरी में शनिवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे धमाका हुआ था। धमाके के बाद फैक्टरी में काम करने वाले बच्चे, महिला समेत आठ किशोर मलबे में दब गए थे। लोगों ने पुलिस की मदद से मेबिश, अलीना, अलीशा, इमरान, फरदीन, गीता, नूरी, शाहिस्ता को बाहर निकाल कर दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान अलीशा, इमरान और अलीना की मौत हो गई थी।। सुपुर्द ए खाक किए गए अलीशा और इमरान रविवार को अलीशा (9) और इमरान (17) के शव घर पहुंचे। परिजनों ने शवों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। अलीशा की बहन अलीना (8) के शव का रविवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका। सोमवार को पोस्टमार्टम होने के बाद शव लोनी पहुंचेगा। हादसे में घायल शाहिस्ता, मेबिश, गीता, नूरी का दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। शाहिस्ता की हालत गंभीर है। अलीना और इमरान के शव आने से पहले ही लोनी कोतवाली, बॉर्डर और अंकुर विहार थाने की पुलिस रूपनगर पहुंची। दोनों बच्चों के शवों जब पहुंचे, तो और लोग आ गए थे। 10 मिनट पहले ही निकला था शारिक शारिक ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह विस्फोट होने से दस मिनट पहले ही फैक्टरी से निकला था। थोड़ी दूर जाने के बाद ही उस तक खबर पहुंच गई थी। इसके बाद वह गिरफ्तारी के डर से नहीं आया। विस्फोट में घायल शाइस्ता पांच मिनट पहले ही पहुंची थी। वह बच्चों का खाना लेकर आई थी। रेंसिक रिपोर्ट का इंतजार एसीपी रजनीश कुमार उपाध्याय ने सिलिंडर फटने और पटाखे का धमाका होने के आधार पर जांच चल रही है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने पर ही धमाका होने के कारणों का पता चलेगा। अलीशा और इमरान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने पर मौत के कारणों का पता चलेगा।