द्वारका की 180 सोसाइटियों के भूजल में अमोनिया, एनजीटी के आदेश पर की गई पानी की जांच
दिल्ली के द्वारका इलाके में भूजल में अमोनिया की मौजूदगी मिली है। यहां सोसाइटी में लगाए गए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से भूजल में मिल रहे पानी से विषाक्तता होने की आशंका जताई गई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीबी) ने 235 सोसाइटी में भूजल के नमूने लेकर जांच की थी। इनमें से 180 सोसाइटी के नमूनों में अमोनिया की मौजूदगी मिली है। एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और डॉ. ए सेंथिल वेल के महेश चंद्र सक्सेना की याचिका पर आए आदेश के मुताबिक 9 फरवरी 2023 को मुख्य सचिव दिल्ली सरकार, सचिव वन एवं पर्यावरण केंद्र सरकार को इस मामले में कार्रवाई कर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। एनजीटी में दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि द्वारका इलाके में 354 सोसाइटियां हैं। इनमें से 235 सोसाइटी में से पानी के नमूने लिए गए। जांच में पाया गया कि 180 सोसाइटी के पानी के नमूने में अमोनिया की मात्रा मौजूद मिली। टोटल डिजॉल्वड सॉलिड (टीडीएस) की मात्रा भी अधिक मिली। इसको सुधारने के लिए जिम्मेदार विभागों ने क्या किया? यह रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है। डीपीसीसी ने अब चार सप्ताह का समय एनजीटी से मांगा है जिससे जरूरी उपाय अमोनिया के प्रदूषण को कम करने के लिए किए जा सकें। एनजीटी ने इस पर भी नाराजगी जताई है कि पूर्व में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के डिजाइन को बेहतर बनाने के लिए निर्देश दिए गए थे। इसके लिए अधिसूचित विशेषज्ञों की देखरेख में मानकों के मुताबिक आवासीय सोसाइटी और दूसरे संस्थानों में हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए जाने चाहिए। एनजीटी ने अब आठ सप्ताह में डीपीसीसी को खामियों को दूर करते हुए की गई सुधारात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट देने का आदेश किया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय को भी अपना जवाब इस मामले में एनजीटी में देने के लिए कहा गया है। मामले की सुनवाई पांच जनवरी को होगी।