ठीक करने की जगह आपको और कर देगी बीमार, सतर्क रहने की है जरूरत

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ठीक करने की जगह आपको और कर देगी बीमार, सतर्क रहने की है जरूरत

दिल्ली-एनसीआर
लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि एंटीबायोटिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए दी जाती है जबकि वायरल वायरस से होने वाली समस्या है। ऐसे में एंटीबायोटिक वायरल पर कोई असर नहीं करेगी। अगर आप वायरल से परेशान हैं तो एंटीबायोटिक दवा भूलकर भी न लें। यह ठीक करने की जगह आपको और बीमार कर देती है। बावजूद इसके ऐसे बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं जिन्होंने अपनी मर्जी से या निजी संस्थान के डॉक्टरों के कहने पर दवा के साथ एंटीबायोटिक ली। दरअसल मौसम बदलने, प्रदूषण का स्तर खराब होने सहित अन्य कारणों से एक बार फिर से वायरल तेजी से बढ़ रहा है। पिछले कुछ माह से देखा जा रहा है कि वायरल पीड़ित मरीज तीन से चार सप्ताह तक परेशान हो रहे हैं। ऐसे में डॉक्टरों ने मरीजों को सतर्क रहने को कहा है। लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि एंटीबायोटिक बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए दी जाती है जबकि वायरल वायरस से होने वाली समस्या है। ऐसे में एंटीबायोटिक वायरल पर कोई असर नहीं करेगी, बल्कि मरीज को दस्त, शरीर में पानी की कमी और रोग प्रतिरोधक क्षमता घटाना सहित अन्य तरह की परेशानियां दे सकती है। डॉ. कुमार ने कहा कि अगले दो-तीन सप्ताह तक मरीजों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव, प्रदूषण सहित अन्य कारणों से वायरल के मामले बढ़ सकते हैं। इस बार वायरल की समस्या सामान्य से ज्यादा समय तक परेशान कर रही है। अस्पताल आने वाले मरीजों के आंकड़े बताते हैं कि ऐसे मरीज दो से तीन सप्ताह तक परेशान रहते हैं।एंटीबायोटिक की नहीं होती जरूरत एम्स में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. पूर्वा माथुर व ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख डॉ. कामरान फारूक ने कहा कि वायरल में एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं होती बावजूद इसके देखा जा रहा है कि कुछ डॉक्टर वायरल में भी एंटीबायोटिक दवा दे रहे हैं जो मरीजों की समस्या को बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों के लिए सलाह जारी की गई है कि वह वायरल में एंटीबायोटिक न लें। ताजा और पौष्टिक भोजन करें आने वाले दिनों में बुजुर्ग, छोटे बच्चे और बीमार लोगों को विशेष ध्यान रखना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो से तीन सप्ताह में एक बार फिर से वायरल का प्रकोप बढ़ सकता है। ऐसे में जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, वह आसानी से इसकी चपेट में आ सकते हैं। ऐसे मरीजों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ताजा व पौष्टिक भोजन करना चाहिए। साथ ही फल व सब्जियां (मौसमी व हरे पत्तेदार सब्जियां) खानी चाहिए। वायरल की प्रकृति में बदलाव विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से वायरल की प्रकृति में बदलाव देखा जा रहा है। सामान्य दिनों में वायरल पांच दिन तक रहता है, लेकिन पिछले कुछ माह से वायरल का प्रकोप दो से तीन सप्ताह तक देखा जा रहा है। इसके अलावा पोस्ट वायरल इंफेक्शन भी मरीजों को परेशान कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस समय के साथ हमारे शरीर के साथ अपने स्वरूप में बदलाव करता है। शरीर भी उसके खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता था, लेकिन पिछले कुछ साल में इनकी चेन टूटी है, जिस कारण वायरस ज्यादा प्रभावी होकर आसानी से लोगों को परेशान कर रहा है। इसके अलावा लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हुई है।

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