आपदा में बनेगा संकटमोचक, रोजगार का सपना करेगा पूरा; देश में ही इसके 14 हजार कलपुर्जे
दिल्ली-एनसीआर
सी-295 विमान ग्लोबमास्टर की तरह नौ टन वजन लेकर उड़ान भर सकता है। वायुसेना प्रमुख ने बताया कि मेक इन इंडिया की अब तक की सर्वश्रेष्ठ परियोजना में सी-295 विमान एक उदाहरण है। वडोदरा में विमान के कलपुर्जे का निर्माण नवंबर 2024 से शुरू हो जाएगा। देश को स्पेन से मिला पहला एयरबस द्वारा निर्मित सी-295 विमान न सिर्फ संकटमोचन बनकर आपदा के समय भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि औद्योगिक इकाइयों में युवाओं के लिए रोजगार भी सृजित होंगे। योजना के तहत विमान के 14 हजार कलपुर्जों का उत्पादन देश में ही होगा। हर साल देश में विमान के साढ़े तीन हजार पुर्जे तैयार होंगे। सी-295 विमान ग्लोबमास्टर की तरह नौ टन वजन लेकर उड़ान भर सकता है। भारत ड्रोन शक्ति कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री सांसद वीके सिंह, वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी व स्क्वाड्रन नंबर-11 की टीम ने विमान का निरीक्षण कर इसकी खूबी समझी। वायुसेना प्रमुख ने बताया कि मेक इन इंडिया की अब तक की सर्वश्रेष्ठ परियोजना में सी-295 विमान एक उदाहरण है। वडोदरा में विमान के कलपुर्जे का निर्माण नवंबर 2024 से शुरू हो जाएगा।इस परियोजना में अगले साल के अंदर 15 हजार प्रत्यक्ष और दस हजार अप्रत्यक्ष नौकरियां मिलेंगी। अभी देश में विमान बनाने वाले 2750 कर्मचारी हैं। निजी कंपनी के साथ परियोजना पर काम शुरू होने के बाद कर्मचारियों की संख्या 15 हजार तक बढ़ जाएंगी। सी-295 एयरबस की खूबी सी-17 ग्लोबमास्टर से ज्यादा हैं। सी-295 कारगिल, लद्दाख और देश की कठिन सीमाओं पर आसानी से उतर सकता है। इसमें दो प्रैट एंड व्हिटनी पीडब्ल्यू-127 टर्बोप्रॉप इंजन लगे हैं। इन्हें स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक्स वारफेयर सुइट से लैस किया जाएगा। ड्रोन की उड़ान से 15 देशों के सैन्य अधिकारी चकित हाइटेक ड्रोन का प्रदर्शन और उड़ान देखने के लिए मेक्सिको, स्कॉटलैंड, स्पेन समेत 15 देशों के सैन्य अधिकारी पहुंचे। सभी ने स्वदेशी ड्रोन की विशेषता जानकर सराहना की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह कार्यक्रम में करीब डेढ़ घंटे रुके। उन्होंने स्वदेशी एवं नवाचार प्रदर्शनी को देखा। वहां देश की सीमा से लेकर डिजीटल टूल क्रिब, फ्लाइट डाटा एक्यूजिशन एंड प्रोसेसिंग यूनिट (बीएसपीआई-4-2) प्रशिक्षण बैंच, 90 केवीए वैश्विक स्तर का पावर यूनिट (यू-जीपीयू), सुखोई विमान में प्रयोग होने वाले एसएपी-518 पॉड पर लगाए जाने से पहले जमीनी परीक्षण के लिए एक्सटेंडर केबिल, कृत्रिम बुधि इंजन, जगुआर स्टार्टिंग सिस्टम टेस्टर, सु-30 एमकेआई विमान के लिए जेड आई परीक्षक, फ्लाइबाय वायर परीक्षक, जवाबी उपाय सिस्टम प्रणाली, हाईब्रिड डिटेंशन सिस्टम जैसे ड्रोन सिस्टम की जानकारी ली।