दिल्ली: मरीजों को परेशान कर रहा पोस्ट वायरल सिंड्रोम, कोरोना की तरह ही रखें अपना विशेष ध्यान

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दिल्ली: मरीजों को परेशान कर रहा पोस्ट वायरल सिंड्रोम, कोरोना की तरह ही रखें अपना विशेष ध्यान

दिल्ली-एनसीआर
गुरु तेग बहादुर अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमितेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की तरह वायरल भी ठीक होने के बाद मरीजों को परेशान कर रहा है। अस्पताल की ओपीडी में 50 फीसदी तक वायरल के मरीज बढ़ गए हैं। वायरल से ठीक होने के बाद भी मरीज पोस्ट वायरल सिंड्रोम से परेशान हैं। यह मरीज 15 से 20 दिनों तक कमजोरी व सुस्ती महसूस कर रहे हैं। उन्हें भूख भी नहीं लगती। ऐसे मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा का पता चला है। विशेषज्ञों की माने तो पिछले कुछ समय से मौसम में आए बदलाव के बाद वायरल की प्रकृति में बदलाव देखने को मिल रहा है। सामान्य दिनों में वायरल पांच से सात दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन इन दिनों सामने आ रहे केसों में मरीज पांच से सात दिनों तक वायरल की चपेट में रहने के बाद भी 10 से 15 दिनों तक पोस्ट वायरल सिंड्रोम के लक्षणों से परेशान हैं। डॉक्टरों का कहना है कि वायरस में हमेशा बदलाव होता रहता है, लेकिन कोरोना महामारी के बाद से वायरल के वायरस में कुछ अलग देखने को मिला है। यह भी कोरोना की तरह लंबे समय तक परेशानी का कारण बन गया। गुरु तेग बहादुर अस्पताल में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमितेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की तरह वायरल भी ठीक होने के बाद मरीजों को परेशान कर रहा है। अस्पताल की ओपीडी में 50 फीसदी तक वायरल के मरीज बढ़ गए हैं। इनमें से ज्यादातर मरीज पोस्ट वायरल सिंड्रोम की शिकायत कर रहे हैं। ऐसे मरीजों को कोरोना की तरह विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जा रही है। लंबे समय तक बुखार से हो सकता है लीवर को नुकसान जग प्रवेश अस्पताल में आयुष विभाग के वरिष्ठ डॉ. नीरज त्रिपाठी ने का कहना है कि लंबे समय तक बुखार रहने से लीवर को नुकसान हो सकता है। लीवर में संक्रमण को कम करने के सेल होते हैं, जिन्हें लंबे समय तक बुखार की स्थिति में नुकसान होता है। ऐसे में हमारी कोशिश होती है कि फीवर ठीक होने के बाद उन सेल को स्वस्थ किया जाए। इसके लिए कुछ दवाएं दी जाती हैं। उनका कहना है कि यदि किसी को लंबे समय तक बुखार की स्थिति बनती है तो खुद अपनी मर्जी से दवा न लें। तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। यह हैं लक्षण पेट खराब, जोडों में दर्द, कमजोरी, सुस्ती या थकावट, भूख न लगना, सिर में भारी पन बना रहना, ध्यान न लगा पाना, शरीर में अंदरूनी बुखार बचाव के उपाय शरीर को आराम दें, ज्यादा भारी, काम न करें, पौष्टिक आहार लें, खाने में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ाएं फिर हो सकता है इंफेक्शन वायरल से ठीक हुए मरीजों को फिर से इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे मरीजों को कोरोना महामारी की तरह कोविड नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। उन्हें मास्क, समय-समय पर हाथ धोना व अन्य नियमों को मानना चाहिए। पोस्ट वायरल सिंड्रोम के मरीजों को फिर से वायरल होने की संभावना ज्यादा रहती है। कराएं टीकाकरण वायरल से बचाव के लिए साल में दो बार टीकाकरण होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए बुजुर्ग, मधुमेह रोगी, सांस के मरीज व अन्य गंभीर मरीजों को यह टीकाकरण जरूर करवाना चाहिए।

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