यामाहा के एंथोनी वेस्ट के नाम दर्ज है बुद्ध सर्किट में मोटरसाइकिल रेस का रिकॉर्ड
ग्रेटर नोएडा। बुद्ध अंतरराष्ट्रीय सर्किट के ट्रैक लैप (सर्किट का पूरा चक्कर) पर यामाहा कंपनी के एंथोनी वेस्ट ने अभी तक 1: 55 मिनट का सर्वश्रेष्ठ समय निकाला है। वर्ष 2016 में हुई एशिया सुपरस्टार-600 में 600 सीसी की बाइक के साथ बुद्ध इंटरनेशनल के 4.97 किमी के ट्रैक पर उन्होंने यह समय निकाला था। इस बार रेस में 1000 सीसी की सुपर बाइक शामिल होंगी। ऐसे में इस बार ट्रैक लैप का नया रिकॉर्ड बनने की बात कही जा रही है। वर्ष 2011 में बने बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में फाॅर्मूला-1 रेस का आयोजन किया गया था। इसके बाद से इसके ट्रैक पर अब तक चार अंतरराष्ट्रीय बाइकों की रेस का आयोजन किया जा चुका है। यह चारों रेस वर्ष 2016 में आयोजित की गईं थीं। इसके बाद से अब बुद्ध सर्किट पर सीधे अंतरराष्ट्रीय मोटो ग्रां.प्री मुकाबला हो रहा है। इस दौरान चारों एशियन चैंपियनशिप रही। इसमें यामाहा और होंडा के राइडर्स ने बाजी मारी थी। वर्ष 2016 में एशिया सुपर स्टार 600 रेस में यामाहा के राइडर एंथोनी वेस्ट ने बुद्ध सर्किट के 4.97 किमी लंबे ट्रैक पर 1:55:855 मिनट का समय निकाला। यामाहा वाईजेडएफ-आर6 बाइक से एंथोनी वेस्ट ने 600 सीसी की सुपर बाइक के साथ यह समय निकाला। वहीं एशिया प्रोडक्शन 250 सीसी रेस में राइडर पीरापोंग लोइबूंपेंग ने 2:16:051 मिनट का सर्वश्रेष्ठ समय निकाला। यह रेस भी यामाहा कंपनी की टीम ने अपने नाम किया। इसमें यामाहा वाईजेडएफ-आर 25 बाइक का उपयोग किया गया। इसके बाद एशियन ड्रीम कप में होंडा कंपनी के राइडर झाउ सुंग जुन ली ने 2:24:183 मिनट का समय निकाला। यह 250 सीसी की बाइक रेस थी। इसमें प्रथम आए राइडर ने होंडा सीबीआर 250आर बाइक का उपयोग किया। इसके बाद एशिया अंडर बोन 130 बाइक रेस का आयोजन किया गया। रेस में फ्लोरिनस रॉय बिरलिया ने 2:27:020 का समय निकाला। उन्होंने यामाहा की 150 सीसी की यामाहा टी-150 बाइक का उपयोग किया। फाॅर्मूला-1 में सेबस्टियन वेटल ने रिकॉर्ड समय निकाला वर्ष 2011 में भारत में पहली बार फाॅर्मूला-1 रेस का आयोजन किया गया था। फार्मुला-1 रेस में रेड बुल के राइडर सेबस्टियन वेटल ने बुद्ध सर्किट का पहला और अब तक का सर्वश्रेष्ठ 1:27:249 मिनट का रिकॉर्ड समय निकाला। उन्होंने रेड बुल की आरबी-7 फार्मुला-1 गाड़ी का उपयोग किया था। 2011 में सेबस्टियन वेटल ने उस दौरान विश्व का तीसरा सबसे कम समय निकाला था।