दिल्ली: गुलमोहर, चंपा, नीलकमल के नाम से जाने जाएंगे यशोभूमि के कक्ष, ऑडिटोरियम में आम लोग नहीं होंगे परेशान

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दिल्ली: गुलमोहर, चंपा, नीलकमल के नाम से जाने जाएंगे यशोभूमि के कक्ष, ऑडिटोरियम में आम लोग नहीं होंगे परेशान

दिल्ली-एनसीआर
यशोभूमि में दो साल में 200 से अधिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह भारत का सबसे बड़ा परिसर है। यह केंद्र भारत में बढ़ते एमआईसीई (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
द्वारका में नवनिर्मित यशोभूमि अब गुलमोहर, चंपा, जवांकुसमुम, नीलकमल, कुमुदिनी के नाम से महकेगी। यशोभूमि में सभी 13 बैठक कक्षों को फूलों का नाम दिया गया है। हर नाम पारंपरिक फूलों पर आधारित हैं। इसका औषधीय प्रयोग भी होता है। खास बात यह है कि तकनीक के मामले में यह ऑडिटोरियम विदेशों को मात देता है। तकनीक का प्रयोग करके साधारण से दिखने वाले ऑडिटोरियम को फिल्म, फैशन शो के लिए रैंप और सम्मेलन के आधार पर कुर्सियों को मनपसंद तरीके से रखा जा सकेगा। दरअसल, यहां ऐसी तकनीक प्रयोग की गई है, जिसमें कुर्सियां अपने आप जमीन के अंदर चली जाती हैं। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि यशोभूमि भारत का सबसे बड़ा परिसर बनकर तैयार हो रहा है। यह केंद्र भारत में बढ़ते एमआईसीई (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यह दो चरणों में बनकर तैयार होगा। इसका पहला चरण पूरा हो चुका है और उसकी देखरेख की जिम्मेदारी कोरियन कंपनी को मिला है। किनेक्सिन कन्वेंशन मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, कोरिया इंटरनेशनल एक्जिबिशन सेंटर (किनटैक्स) और ईसैंग नेटवर्क्स कंपनी लिमिटेड का एक गठजोड़ यहां कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए दुनियाभर में विपणन पहल कर रहा है। इस कंपनी को 20 साल के लिए आयोजन स्थल के प्रबंधन, प्रदर्शनी, सम्मेलन केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। यह कंपनी दुनियाभर के देशों में काम करती है। टेंडर के माध्यम से इस कंपनी ने अपनी जीत हासिल की है। यशोभूमि में दो साल में 200 से अधिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। यशोभूमि डिजिटल नवाचार, आतिथ्य, मनोरंजन, स्वास्थ्य सेवा, वाहन, बुनियादी ढांचा, यात्रा और पर्यटन तथा स्मार्ट विनिर्माण पर आधारित है। यह भारत का सबसे बड़ा परिसर है। यह केंद्र भारत में बढ़ते एमआईसीई (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। अब आईआईसीसी परियोजना के दूसरे चरण में भाग लेने के लिए निजी कंपनियों को आकर्षित करेगा। इसमें सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर भी काम होगा। इसके लिए जल्द ही डीपीआईआईटी बोली शुरू करेगी। चरण-2 परियोजना के तहत कुल नौ होटल बनेंगे। यशोभूमि का उद्घाटन 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईसीसी के 5,400 करोड़ रुपये के चरण-एक का अनावरण किया था।
दिल्ली मेट्रो के विस्तार पर 900 करोड़ खर्च पीएम ने दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन किया था। एयरपोर्ट मेट्रो को सेक्टर 21 स्टेशन से यशोभूमि मेट्रो स्टेशन तक विस्तार किया गया है। सारा खर्चा इसी योजना के तहत हुआ है। इस विस्तार के लिए करीब 900 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ऑडिटोरियम में आम लोग नहीं होंगे परेशान ऑडिटोरियम को इस तरह डिजाइन किया गया है, ताकि खास के कारण आम लोगों को दिक्कत न हों। इसके दोनों ओर ऊपर बाक्स तैयार किये गए हैं। इसमें खास लोगों के बैठने का इंतजाम होगा। जबकि आम लोग नीचे बैठेंगे। यहां तकनीक का बेहद अच्छे तरीके से प्रयोग हुआ है। यहां कार्यक्रम की मांग के आधार पर कुर्सियों को हटाया जा सकता है। कुर्सी हटाते ही फर्श सामान्य दिखने लगता है। यहां फैशन शो के लिए रैंप भी तकनीक से तैयार हो जाया करेंगे।

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