दबंगों की पिटाई से परेशान,किसान पर पुलिस ने लिखा मुकदमा,पीड़ित लगा रहा न्याय की गुहार
बिलग्राम हरदोई
खेत में खड़ी मटर की फसल नुकसान कर रहे बच्चों को रोका तो दबंग परिजनों ने नाजायज कट्टे के बल पर पीड़ित परिवार को पीटा, पुलिस ने घटना के लिए किसान को बनाया आरोपित, परेशान पीड़ित पुलिस के उच्चाधिकारियों से लगा रहा न्याय की गुहार जनपद हरदोई की बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सदरियापुर का मामला।
जनपद हरदोई की कोतवाली बिलग्राम क्षेत्र के गांव सदरियापुर में खेत में खड़ी मटर की फसल को कुछ शरारती बच्चों द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है।जिन्हें डांट डपटकर किसान द्वारा भगाया गया।जिसकी सूचना बच्चों ने अपने परिजनों को दी।इस जरा सी बात को खुन्नस पाल बैठे दूसरे पक्ष के लोगों ने किसान के घर पर अवैध शस्त्रों के साथ लैस होकर धावा बोलकर पीड़ित परिवार को जानमाल की धमकी देकर मौके से मोबाईल फोन तक छीनकर फरार हो गए।पीड़ित ने मामले की शिकायत स्थानीय पुलिस थाने पर की लेकिन पुलिस ने असलहा लहराने वाले लोगों को क्लीनचिट देने में कोई कोताही नहीं बरती।
पीड़ित व्यक्ति श्रीकांत दीक्षित पुत्र रामशंकर दीक्षित निवासी सदरियापुर ग्राम ने पुलिस के उच्चाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए बताया है कि दिनाँक 14 फ़रवरी 2024 को विपक्षियों में त्रिवेश पुत्र विश्राम, सियाराम पुत्र स्व0 बाबूराम,प्रमोद पुत्र स्व0 मेवाराम व उनके कुछ साथियों के हाथों में लाठी डंडे व नाजायज असलहा लेकर उसके घर मे घुसकर मारपीट की यहां तक घर की महिलाओं से जमकर अभ्रदता की।घटना का वीडियो बनाते हुए आरोपितों ने मोबाइल फोन छीन लिया।मामले की जानकारी व शिकायत दर्ज कराने के लिए जब श्रीकांत ने बिलग्राम पुलिस के समक्ष प्रस्तुत होकर घटना के आरोपितों को सज़ा दिलाने की गुहार लगाई तो पुलिस ने जांच के लिए एक दारोगा को जिम्मेदारी सौंपी जिसने मौके पर पहुंचकर कोई कार्यवाई नहीं कर सका।वहीं विशिष्ट सूत्रों के मुताबिक घटना के आरोपितों में शामिल एक व्यक्ति पर सरकारी कर्मचारी पर मारपीट का मामला पूर्व में दर्ज है।शायद यही सोचकर दोबारा कहीं वह इस बार बिलग्राम पुलिस को ही न पीट दे इसलिए कोतवाली पुलिस ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए किसान पर ही मामला दर्ज कर उसे घटना कारित करने का आरोपित बना दिया।जिसकी सूचना मिलते ही पीड़ित किसान न्याय पाने के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने हुए चक्कर काटने को विवश है।