करई झील की जलमग्न भूमि  पर कुंडरी मारे बैठे लोगो की अब खैर नहीं

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करई झील की जलमग्न भूमि  पर कुंडरी मारे बैठे लोगो की अब खैर नहीं ?

… साहेब क्या फिर गरजेगा जरवल मे बुलडोजर ?

निकाय के करई झील की जलमग्न भूमि गाटा संख्या 1628 व 589 मे राजस्व विभाग के साथ निकाय कर्मियों ने अवैध कब्जेदारो की बना डाली कुण्डली मची अफरा-तफरी

जरवल/बहराइच। कहावत कही गई है”बकरा कब तक खैर मनाई एक दिन छूरी नीचे आई” कुछ इसी तरह के अब हालात नगर पंचायत जरवल के हो चुके है।सूत्रो की माने तो अभी हाल ही मे जरवल के मोहल्ला जामा मस्जिद के रहने वाले सुयेब पुत्र अहमद ने माननीय उच्च न्यायालय मे जरवल के जलमग्न की भूमि गाटा संख्या 1628 व 589 को खाली करवाने की एक रिट दायर की उसी क्रम को लेकर तहसीलदार ने अवैध कब्जेदारो को को चिन्हित करने के लिए एक टीम गठित कर दी जिसमे नायब तहसीलदार वीपी गिरी,कानून गो वाहिद कमाल,अधिशाषी अधिकारी खुशबू यादव,के साथ लेखपाल राम किशुन,पंकज कुमार,उपेंद्र कुमार सिंह,विजय कुमार गुप्त ने माननीय न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए उक्त जलमग्न की गाटा संख्या पर करई झील पे वर्षो से कुंडली मारे स्थाई रूप से बैठे लोगो को चिन्हित कर सैकड़ों लोगों की कुण्डली तैयार कर ली जिस पर जल्द ही निकाय प्रशासन का बुल्डोजर की गर्जना सुनाई देगी इस अनहोनी को लेकर जरवल नगर पंचायत की जलमग्न भूमि (करई झील)पर स्थाई रूप से अवैध कब्जा कर कुंडरी मारे बैठे लोगो मे काफी खलबली मच गई है। जरवल।सूत्रो की माने तो वर्षो पहले भी इसी तरह नगर की उक्त जलमग्न की भूमि को खाली करवाने के लिए राजस्व महकमे ने पहल तो को थी जिसमे राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने अवैध कब्जेदारो के खिलाफ 115 सी की कार्यवाही भी की गई थी लेकिन पैसा व पहुंच ने राजस्व विभाग के सारे प्रयासों पर पानी फेर दिया।राजस्व विभाग के एक अधिकारों ने नाम न छापने के अनुरोध पर बताया कि हम लोगो का जो काम था कर दिया अब निकाय प्रशासन की बारी है कि वो कब जलमग्न से अवैध कब्जेदारी हटवाता है। “माननीय उच्च न्यायालय का जो भी आदेश होगा अक्षरसा पालन किया जावेगा जलमग्न के करई झील पर जिन लोगो ने अवैध कब्जा किया है उसे जल्द ही खाली करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जावेगी इसके लिए कोई कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो केवल माननीय न्यायालय के आदेशो का ही पालन होगा”

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