मोहर्रम की आठवीं तारीख को निकला मोहल्ला नुरखांपुर का अखाड़ा
अखाड़ा मुटुन खलीफा के खिलाड़ियों ने वाकेयाते कर्बला को कला कौशल के माध्यम से याद को किया ताजा
भदोही। अखाड़ा मुटुन खलीफा मोहर्रम की आठवीं तारीख को मोहल्ला नुरखांपुर से अपने परंपरागत रिवातो व शानो शौकत के साथ निकला। अखाड़ा का नेतृत्व कर रहे नूर आलम अंसारी व सभासद अबरार अंसारी ने सबसे पहले अखाड़ा के उस्ताद स्व. मुटुन खलीफा के मजार पर जा कर फ़ातेहा पढ़ी उसके बाद वहीं अखाड़ा के सरपरस्त नूर आलम अंसारी, वकील डिजाइनर व सभासद अबरार अंसारी को रस्मो रिवाज के मुताबिक साफा बांधा गया। उसके बाद खिलाड़ियों ने अखाड़ा के सरपरस्त नूर आलम से मुसाफा किया और बाना, बनती भांज कर अखाड़े का आगाज किया। अखाड़ा नुरखांपुर एक मिनारा मस्जिद के पास पहुंचा तो खिलाड़ियों ने वाकेयाते कर्बला को अपने कला कौशल के माध्यम से दर्शाया। अखाड़ा नुरखांपुर सअबान ताजिया चौक के पास पहुंचा जो अपने रिवायत के मुताबिक बाना, बनेती, बंदिश सहित कला कौशल का मुजाहरा किया। उसके बाद अखाड़ा मोहल्ला गोरियाना मैदान पहुंचा जहां काफी संख्या में लोग अखाड़ा देखने के लिए पहले से ही मौजूद रहे। खिलाड़ियों ने कर्बला-ए- मोअल्ला में हुए जंग की दास्तान अपने कला कौशल के माध्यम से लोगो को याद दिलाया। अखाड़ा देर रात मोहल्ला जमुंद से होते हुए सोनराना, मलिकाना, पचभैया होते हुए पुनः नुरखांपुर पहुंच कर सम्पन्न हुआ।