मस्जिद पठान की बारी में 26 वीं रमजान को तरावीह हुई मोकम्मल

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मस्जिद पठान की बारी में 26 वीं रमजान को तरावीह हुई मोकम्मल
चेयरमैन पति अबरार अहमद ने हाफिज इरशाद को दी मुबारकबाद
कुरआन को पढ़ो और समझो यही है हुक्मे रब्बे ज़ुल्जेलाल: हाफिज इरशाद
भदोही। रमज़ान शरीफ के आखिरी अशरे की 26 वीं रमजान की शब नगर पंचायत घोसियां स्थित मस्जिद पठान की बारी में हाफ़िज़ इरशाद ने तरावीह मुकम्मल कि। तरावीह मुकम्मल होते ही हाफ़िज़ इरशाद ने बारगाहे परवरदिगार में आलमे इस्लाम के लिए दुआ कि और अपने रब से कहा ऐ मेरे पालनहार दुनिया में जो परिशाने हाल है उनकी परेशानियो को दूर कर दे।जो रोज़ी से परेशान है उन्हें रिज़्के हलाल अता कर जो नमाज़ नहीं पढ़ते उन्हें नमाज़ पढ़ने कि तौफ़ीक़ अता कर। या रसूलल्लाह उन्ज़ुर हालना या रसूलल्लाह इस्मा कालना हम गुनाहो में डूबे हुए है हम सियाकार है बदकार है लेकिन तेरे महबूब स.के उम्मत है हमारी खताओं को बख्श दे। ऐ अल्लाह हम गुनाहगार तेरे सामने खड़े है हम तुझ से ही मदद मांगते है। रहम कर करम कर मेरे मौला। लोगो ने अपने परवरदिगार से नम आँखो के साथ रो-रो कर दुआ कि। हाफिज इरशाद ने कहा कुरआन को पढ़ो और समझो यह है हुक्मे रब्बे ज़ुल्जेलाल। कहा जिस हाफ़िज़े क़ुरआन के सीने में मुकम्मल क़ुरआन जज़्ब है समझो वो बहुत ही खुशनसीब है। कहा क़ुरआन हमें ज़िन्दगी जीने का सलीक़ा सिखाता है। क़ुरआन को पढ़ने वाला और सुनने वाला अल्लाह के नज़दीक मोतबर हुआ करता है इसलिए अपने बच्चों को क़ुरआन के तालीमात से रोशनास करो ज़िन्दगी संवरती हुई नज़र आएगी। कहा नमाजे तरावीह सुन्नते मुकेदा है जिसे पढ़ना सुन्नत पे अमल करना होता है। इस पुर फेज़ा मंज़र में मौलाना मोइन, नगर पंचायत घोसियां के चेयरमैन पति अबरार अहमद, सैफ अली, सलीम खां, वसीम खां, मो.सतारा, जावेद, तौफीक, मुमताज़, परवेज अली आदि लोगो ने हाफ़िज़ साहब को फूल माला पहनाते हुए गले लगा कर मुबारकबाद दी।

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