DIWALI SPECIAL :संजीवनी

DIWALI SPECIAL :संजीवनी

संजीवनी।

संजीव ठाकुर, कवि


दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये l
विपन्न कुम्हारों के नन्हे बच्चो के कोमल हाथो से रचित,
माँ धरती की सुधी सुगंध से लिप्त,
माटी के दीपो से,

DIWALI SPECIEL 2022: दिए जलाएं
प्रदीप्त तेजस्वी ज्योती से,
भव संसार के मलीन,
कुत्सिक,
अंधकार को विलुप्त कर,
अंतर्मन के संताप, तमस, और निराशा को
खिलखिलाती,जगमगाती,
उज्जवल कल की आस जगाती,
दीपोत्सव की प्रबल रोशनी से दूर करे,
भारत माता की धरती से, दुःख, गरिबी,निराशा को,
दीपों के ज्योति हवन से,
परे हटाएँ,

साहित्य जगत में धांधली
आओ मिलकर माटी के, दीप जलाये,
अंधकार का नामों निशां मिटायें,
दीपावली की अंतर्मन से बधाई,
अनंत शुभकामनाओ के साथ,