साहित्य जगत में धांधली

साहित्य जगत में धांधली
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लाकडाऊन से पूर्व साहित्य
संस्था होती है ये न था जाना।।
लाकडाऊन में मिलाया साहित्य
संस्थाओं से अब इन्हें पहचाना।
साहित्य संस्थाओं में भी हमारी
संस्था बेहतर होड़ लगी बताना
पर साहित्यिक नाम पर धांधली
जाल आनलाईन से मक़सद बिछाना।।
कितनी संस्थाओं, नामचीन लोंग
बना रहे साहित्यकारों को निशाना।
कहीं साझा पुस्तक, कहीं पीडीएफ
नाम पर मकसद बस पैसे खाना।।
पुस्तक के प्रकाशितन व्यय से अधिक
दाम बता बस पैसा ऐंठ जाना।।
देखो समझो परखों इन लोगों को
कान, आंख, नाक से खुले रखते जाना।।
शिकार वही हुए जो हाल ही में
साहित्य से जुड़े और जल्द चाहते
आगे बढ़ तरक्की पाना।।२।।
वीना आडवानी तन्वी
नागपुर, महाराष्ट्र