नेहरू युवा केंद्र गाजियाबाद ने कश्मीरी युवाओं को कराया दिल्ली दर्शन: भारत की विविधता और विरासत से हुए रूबरू

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नेहरू युवा केंद्र गाजियाबाद ने कश्मीरी युवाओं को कराया दिल्ली दर्शन: भारत की विविधता और विरासत से हुए रूबरू

गाजियाबाद – युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के नेहरू युवा केंद्र गाजियाबाद द्वारा आयोजित कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तीसरे दिन प्रतिभागियों को दिल्ली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण कराया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कश्मीर के युवाओं को भारत की विविधता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और औद्योगिक प्रगति से परिचित कराना है। 132 युवाओं का यह समूह उपनिदेशक देवेंद्र कुमार के नेतृत्व में दिल्ली और गाजियाबाद के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर पहुंचा। कार्यक्रम की थीम “वतन को जानो” के अंतर्गत यह युवा प्रतिभागी एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को आत्मसात करते हुए विकसित भारत के निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित हो रहे हैं। औद्योगिक प्रगति से परिचय: डाबर उत्पादन इकाई का दौरा दिल्ली दर्शन से पहले कश्मीरी युवाओं ने गाजियाबाद स्थित डाबर कंपनी की उत्पादन इकाई का दौरा किया। डाबर कंपनी के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को कंपनी की उत्पादन प्रक्रिया, उत्पादों की गुणवत्ता, लेबलिंग, और पैकेजिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। युवाओं ने उत्पादन इकाई के विभिन्न विभागों का अवलोकन किया और कंपनी के एसोसिएट मैनेजर के साथ एक संवाद सत्र में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने उद्यमिता और व्यवसाय से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल कीं, जो उनके भविष्य के लिए प्रेरणा स्रोत बनेंगी। दिल्ली दर्शन: भारत की संस्कृति और विरासत का अनुभव डाबर इकाई के दौरे के बाद कश्मीरी युवाओं को दिल्ली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण कराया गया। जिला युवा अधिकारी बागपत अरुण कुमार तिवारी और जिला युवा अधिकारी अलीगढ़ तनवी कंसल ने युवाओं का नेतृत्व करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए और सभी स्थानों का ज्ञानवर्धक भ्रमण कराया। प्रतिभागियों ने जामा मस्जिद और लाल किला का दौरा किया, जहां उन्हें मुगल वास्तुकला और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास के बारे में बताया गया। इंडिया गेट पर युवाओं ने प्रथम विश्व युद्ध में बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उन्हें भारतीय सेना की वीरता की कहानियों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने संसद भवन और राष्ट्रपति भवन के बाहरी हिस्से का भी दौरा किया, जहां उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक प्रणाली और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में जाना। इस दौरान माय भारत यूथ लीडर अमन कुमार, युवा स्वयंसेवकों में तालिब, प्रकाश, रोहन, सन्नी, सौरभ तोमर आदि का सक्रिय योगदान रहा। भारत की विविधता को आत्मसात करने का अवसर कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का अनुभव किया। कश्मीर से आए प्रतिभागी, जो पहले अपनी घाटी की सीमाओं तक सीमित थे, अब भारत के अन्य हिस्सों की विविधताओं को समझ रहे हैं। यह अनुभव न केवल उनकी सोच को व्यापक बना रहा है बल्कि उन्हें भारत की एकता और अखंडता के प्रति भी जागरूक कर रहा है। कश्मीरी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं के बीच आपसी समझ और भाईचारे को बढ़ावा देना है। उपनिदेशक देवेंद्र कुमार ने कहा, “कश्मीरी युवा भारत के भविष्य हैं। इस तरह के कार्यक्रम न केवल उनकी सोच और दृष्टिकोण को बदलते हैं, बल्कि उन्हें भारत की समृद्ध विरासत का हिस्सा होने का गर्व भी महसूस कराते हैं।”कार्यक्रम में भाग ले रहे कश्मीरी युवाओं ने अपनी खुशी और अनुभव साझा करते हुए कहा कि इस दौरे ने उनके ज्ञान और दृष्टिकोण को समृद्ध किया है। प्रतिभागी युवाओं ने कहा, “दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों और डाबर उत्पादन इकाई के दौरे ने हमें भारत की संस्कृति और औद्योगिक प्रगति को करीब से समझने का मौका दिया। हम अपने इस अनुभव को कश्मीर में अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करेंगे।” इस अद्वितीय अनुभव ने न केवल कश्मीरी युवाओं को भारत के विविध रंगों से परिचित कराया, बल्कि उन्हें विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार के आदान-प्रदान कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक विविधता को सशक्त बनाने और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाने का काम करते हैं। नेहरू युवा केंद्र गाजियाबाद द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम भारत के युवाओं को एकजुट करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना को साकार करता है।

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