संविधान में पुरुष और महिलाओं को दिए गए हैं समान अधिकार

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संविधान में पुरुष और महिलाओं को दिए गए हैं समान अधिकार
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम
भदोही। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर गुरुवार को मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान और वेल्सपन फाउंडेशन फॉर हेल्थ एंड नॉलेज के सयुंक्त तत्वाधान मे सांडा गांव के पंचायत भवन पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गांव की 225 से अधिक महिलाएं, किशोरी और बच्चे शामिल हुए।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता रीना श्रीवास्तव ने कहा कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। जिसे मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं और पुरुषों में समानता लाना, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। समाजसेवी डॉ.संजीव कुमार बालाजी ने कहा कि आज भी महिलाओं को रूढ़िवादी सोच से गुजरना पड़ता है। आज भी महिलाओं को घर से दफ्तर की दूरी तय करते समय कई सवाल उठाए जाते है। वैसे तो संविधान में पुरुष और महिलाओं को समान अधिकार है। परंतु आज भी कुछ घरों की महिलाओं को पुरुष प्रधान का महत्व समझाया जाता है। जहां एक तरफ बच्ची को दुर्गा रूप में पूजन किया जाता है वही दूसरी तरफ दरिदंगी के साथ कुचला जाता है।
इस कार्यक्रम में महिला और किशोरियों के सशक्तिकरण एवं स्वास्थ्य के विषय पर विचार,  संस्कृतिक एवं खेल संबधी गतिविधियों के माध्यम से किया गया।
इस मौके पर सीमा, मीरा, कर्मबली, उमाशंकर व अमित यादव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें। कार्यक्रम का संचालन रीता सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन केशा देवी ने किया।

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