मर्डर में आजीवन कारावास, पैरोल मिला तो हुआ फरार

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क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल की टीम ने मर्डर के मामले में आजीवन कारावास सजा पा चुके पैरोल जंपर को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान टिंकू सिंह के रूप में हुई है। डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि एसीपी रमेश चंद्र लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर मनमीत मलिक, हेड कांस्टेबल राजेश की टीम ने इसे गिरफ्तार किया है। लगभग 10 साल पहले 2014 में न्यू उस्मानपुर थाने में दर्ज हत्या के मामले में दिल्ली पुलिस को इसकी तलाश थी। इसको पिछले साल 8 अप्रैल को जेल में सरेंडर करना था। क्योंकि कोविड के दौरान इसे 15 अप्रैल 2020 में पेरोल मिला था। सरेंडर करने के बजाय यह फरार हो गया। फिर इसकी तलाश के लिए क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल की टीम को लगाया गया था। पुलिस के अनुसार टिंकू सिंह ने अपने दोस्त और गर्लफ्रेंड शशि बाला के साथ मिलकर उसके हस्बैंड इंद्रपाल की हत्या कर दी थी। इंद्रपाल और शशि बाला जब शास्त्री पार्क उस्मानपुर में रहने आए थे। इस दौरान उसकी मुलाकात टिंकू सिंह से हो गई फिर दोनों में दोस्ती हो गई। इसकी जानकारी उसके हस्बैंड को मिली तो वह इसका विरोध करने लगा और पत्नी की पिटाई करने लगा। इसके बाद टिंकू सिंह ने शशि बाला के साथ मिलकर इंद्रपाल की हत्या करने की प्लानिंग की। हत्या करके उसके बॉडी को टुकड़ों में करके उसको डिस्पोजल कर किया। लेकिन जब शशि बाला ने अपने पति की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई तो उस मामले में पुलिस ने शशि बाला को गिरफ्तार किया। फिर उसकी निशानदेही पर टिंकू सिंह भी पकड़ा गया। कोर्ट ने टिंकू सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, लेकिन कोविड के दौरान उसे पैरोल पर कुछ समय के लिए छोड़ा गया। लेकिन वह सरेंडर करने की बजाय अपना नाम टिंकू सिंह से निशांत पांडे बदलकर और ठिकाना बदलकर छुपकर रहने लगा। जिससे पुलिस को पता नहीं चल सके।

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