डिफेंस पर पूरा जोर, खेती और किसान कल्याण को सबसे कम बजट

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डिफेंस पर पूरा जोर, खेती और किसान कल्याण को सबसे कम बजट
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश कर दिया है। इस अंतरिम बजट में किसी लोकलुभावन स्कीम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन पहले से चल रहीं पीएम आवास योजना और आयुष्मान भारत स्कीम का दायरा बढ़ाने की बात जरूर कही गई है। इस अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र को सबसे ज्यादा 6.2 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। माना जा रहा है कि चीन, पाकिस्तान जैसे देशों से बढ़ते सुरक्षा खतरों के मद्देनजर यह साहसिक फैसला लिया गया है। इसके अलावा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को सबसे कम 1.27 लाख करोड़ रुपये का ही फंड मिला है।
रक्षा मंत्रालय को मिली बड़ी पूंजी की एक वजह मेक इन इंडिया स्कीम के तहत हथियारों का निर्माण भी है। भारत ने बीते कुछ सालों में बड़े पैमाने पर स्वदेशी तकनीक से हथियार तैयार किए हैं और कई देशों को इनका आयात भी किया है। ऐसे में रक्षा क्षेत्र में और ऊंची छलांग के इरादे से यह फैसला लिया गया है। सरकार ने अंतरिम बजट में भी पूर्ण बजट की तरह ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है। अंतरिम बजट में दूसरे नंबर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को रखा गया है। इस मिनिस्ट्री को 2.78 लाख करोड़ का बजट मिला है, जबकि तीसरे नंबर पर रेलवे हैं, जिसे 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
40 हजार वंदे भारत बोगियां… बजट में रेलवे के लिए सरकार का बड़ा ऐलान
बता दें कि मोदी सरकार हाईवे, एक्सप्रेसवे के तेजी से निर्माण और रेलवे में वंदे भारत जैसी ट्रेनों के संचालन और बुलेट परियोजना पर फोकस करती रही है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्रालय को 2.13 लाख करोड़ रुपये का फंड मिला है। होम मिनिस्ट्री को 2 लाख करोड़ रुपये की निधि मिली है। ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1.77 लाख करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। बजट के इस आवंटन से साफ तस्वीर मिलती है कि सरकार की प्राथमिकता में रक्षा क्षेत्र का विकास शीर्ष पर है। इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पहले की तरह ही जोर रहेगा।
गांवों में मिलेंगे 2 करोड़ और पीएम आवास, मिडल क्लास को भी तोहफा
गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने अगले 5 सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ पीएम आवास तैयार करने का ऐलान किया है। इसके अलावा आयुष्मान भारत स्कीम के तहत अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों को भी कवर किया जाएगा। हालांकि इस अंतरिम बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसकी सैलरीड क्लास उम्मीद कर रहा था।

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