डी एम ने सेन्ट जोसेफ कान्वेन्ट हाईस्कूल के स्कूली बच्चों को एल्बेन्डाजॉल का टैबलेट खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का किया शुभारंभ

Share
सोनभद्र। जिलाधिकारी श्री बी0एन0 सिंह ने सोमवार को सेन्ट जोसेफ कान्वेन्ट हाईस्कूल के स्कूली बच्चों को पेट के कीड़े को मारने की दवा एल्बेन्डाजॉल का टैबलेट खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का शुभारंभ किया। जिलाधिकारी ने स्कूल के बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के महत्ता को समझाते हुए कहा कि, एल्बेन्डाजॉल दवा के खाने से किसी भी किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है, किन्तु इस दवा के खाने से पेट में उत्पन्न होने वाले कीड़े को नष्ट करने में काफी कारगर है, जो ये कीड़े हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। उन्होंने कहा कि, 19 साल के सभी बच्चों, किशोर व किशोरियों को कृमि नियंत्रण की दवाई एल्बेन्डाजॉल की दवा सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्रों में निःशुल्क खिलाई जायेगी, इसके साथ ही गैर पंजीकृत और स्कूल ना जाने वाले बच्चों को भी यह दवाई नजदीकी आंगनबाड़ी केन्द्र में खिलाये जाने की व्यवस्था की गयी है। जिलाधिकारी ने कहा कि, ये कीड़े पेट में रहते हुए अपनी संख्या को बढ़ाकर जहर भी फैलाने का काम करते हैं, हम जो भी भोजन करते हैं, उसका ज्यादा हिस्सा ये कीड़े ले लेते हैं, जिससे पेट में मौजूद रहते हैं, किसके कारण अनेक प्रकार की बीमारी फैलाने के साथ ही शरीर में कमजोरी आती है, इसलिए पेट के कीड़े को नष्ट करने के लिए एल्बेन्डाजॉल दवा खाना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि, सरकार का प्रयास है कि सबको एक साथ दवा खिलाया जाये, जिससे एक ही साथ कीड़े नष्ट हो जायें। पेट में रहने वाले इस कीड़े के सफाया के लिए साल में दो बार अभियान चलाकर सभी स्कूलों व आंगनबाड़ी केन्द्रों बच्चों को एल्बेन्डाजॉल दवा टैबलेट को खिलाया जाता है। पेट में पलने वाले इस कीड़े की आयु 6 महीने की होती है, जो दवा खाने से नष्ट हो जाते हैं। इसलिए इस दवा को सबको  खाना है, जो भी बच्चों इस दवा को खा रहे हैं, वो अपने घर जाने के बाद आस-पास के लोगों को भी जागरूक करेंगे और उनको बतायेंगे कि, इस दवा को हमने खाया है। दवा खाने के बाद किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई है। इस मौके पर ए0सी0एम0ओ0 द्वारा दवा खाने के तरीके को बताते हुए कहा गया कि, दवा का चूस कर खाया जाता है। इसके खाने से हमारे शरीर में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है, इसे महीने में दो बार खाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने दवा खाने से बच्चों के मन में उठ सकने वाले वाले सवालों को इंगित करते हुए बारी-बारी से समझाया और जानकारी दी कि, पेट के अन्दर रहने वाले कीड़े कितने खतरा पैदा करता है, जिसका असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस मौके पर सेन्ट जोसेफ कान्वेन्ट हाईस्कूल स्कूल के प्रबन्धक, शिक्षक, शिक्षिकाएं सहित छात्र-छात्रागण उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *