भदोही। मोहर्रम का चालिसवां यानि चेहल्लुम को पूरे अकीदत व एहतराम के साथ शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। नगर में विभिन्न मुहल्लों से कई दर्जन की संख्या में ताजिया निकाले गए। कर्बला जाकर सभी ताजिया को बारी-बारी से ठंडा किया गया। चेहल्लुम के मद्देनजर नगर में पुलिस-प्रशासन द्वारा भारी मात्रा में जवानों की तैनाती की गई थी। इस दौरान नगर के विभिन्न मोहल्लों से ताजिया का जूलूस या हुसैन-या हुसैन की सदाएं बुलंद करते हुए बारिश होने के कारण सायं के 4 बजे के समय नगर के कल्लन शाह तकिया पर पहुंचना शुरू हो गए थे। सभी ताजिया जब कल्लन शाह तकिया पहुंचा तो वहां पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। उसके बाद सभी ताजिया का जूलूस एक साथ वहां से कर्बला के लिए रवाना हो गया। चेहल्लुम पर बच्चों द्वारा ताजिया बनाया जाता है। जुलूस में भी अधिकांश वहीं शामिल रहते हैं। कुछ ताजिया को बच्चों द्वारा बड़े ही आकर्षक ढंग से मनाया गया था। जिसको देखकर लोगों ने खूब सराहा। कल्लन शाह तकिया से ताजिया का जूलूस रवाना होकर अपने परंपरागत रास्ते से होता हुआ या हुसैन-या हुसैन की शदाओं को बुलंद करते हुए कर्बला पहुंचा। उसमें शामिल खिलाड़ियों द्वारा बीच-बीच में फन-ए-सिपाहगीरी का भी मुजाहिरा किया जा रहा था। कर्बला पहुंचने के बाद सभी ताजिया को बारी-बारी से ठंडा किया गया। सुरक्षा के मद्देनजर ताजिया मार्ग पर जगह-जगह भारी मात्रा में पुलिस के जवानों की तैनाती रही। प्रभारी निरीक्षक
अश्विनी कुमार त्रिपाठी मय हमराहियों के साथ चक्रमण कर जुलूस की निगरानी करते नजर आए।
इस मौके पर मो.दानिश सिद्दिकी, जमील अहमद अंसारी (नेता) गुलाम हुसैन संजरी, हसीब खां, नुरैन खां, अख्तर खां, अरसलान खां अरसू, अकबर खां बल्ला, बदरे आलम, मुख्तार हाशमी, सेराज अंसारी, खुर्शीद खां, अब्दुल रशीद हाशमी, महफूज आलम भोलू, अशरफ अली, मोहर्रम खां, रइसु खां आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।