बुन्देलखण्ड उपेक्षा का शिकार है  – बु. वि. सेना         

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 बुन्देलखण्ड उपेक्षा का शिकार है  – बु. वि. सेना
पहल टुडे
 ललितपुर – बुन्देलखण्ड विकास सेना की एक आवश्यक बैठक स्थानीय  कम्पनी बाग में बुन्देलखण्ड विकास सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई  बु. वि. सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू ने कहा कि बु. वि. सेना पिछले 25 वर्षों से पृथक बुन्देलखण्ड राज्य के लिए गांधीवादी तरीके अपना आन्दोलन चलाने वाला गैर राजनैतिक संगठन है । उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि जो भी राजनैतिक दल बुन्देलखण्ड पृथक राज्य की मांग का समर्थन करता है उसी को अपना कीमती वोट दें । उन्होंने कहा है कि  उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दो राज्यों की सीमा से जुड़ा हुआ देश का प्रमुख भूभाग बुन्देलखण्ड वर्षों से केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों की उपेक्षा का शिकार है । बेरोजगारी , अशिक्षा , चिकित्सा , पेयजल सड़क ,बिजली , उद्योगशून्यता जैसी समस्यों से जूझ रहे बुन्देलखण्ड को प्राकृतिक विभीषिकाओं और कोरोना महामारी ने तोड़कर रख दिया है । पूर्व सरकारों के आश्वासनों के बावजूद वर्तमान केन्द्र सरकार ने बुन्देलखण्ड प्रान्त निर्माण के सम्बन्ध में आज तक कोई पहल नहीं की जबकि चुनाव के दौरान बुन्देलखण्ड प्रान्त निर्माण की मांग को उचित बताते हैं ।  बु. वि. सेना प्रमुख टीटू कपूर ने कहा कि बुन्देलखण्ड विकास सेना आने वाले समय में प्रान्त निर्माण के लिए अपना आन्दोलन और तेज करेगी ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाने व अँग्रेज शासकों को लोहे के चने चबाने को मजबूर करने वाली महारानी लक्ष्मीबाई की कर्मस्थली , रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास , राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त , हाकी के जादूगर दद्दा मेजर ध्यानचंद , महान उपन्यास सम्राट बाबू वृन्दावनलाल वर्मा की जन्मस्थली व कर्मस्थली बुन्देलखण्ड की पावन धरती अपनी उपेक्षा , बदहाली और दुर्दशा पर खून के आँसू बहाने को मजबूर है । उद्योगशून्यता , उच्च , व्यवसायिक , एवं तकनीकी शिक्षा , सड़क बिजली पानी ,स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताएं , बेरोजगारों की लंबी फौज , कभी सूखा तो कभी बाढ़ जैसी विभीषिकाएं , सामंतशाही ,दबंगई , सूदखोरी , भ्रष्टाचार व अत्याचार के शूलों के दंश की पीड़ा सहने को हम बुन्देलखण्डवासी मजबूर हैं ।    बैठक में  बु. वि. सेना के वरिष्ठ सदस्य राजमल बरया , फूलचन्द रजक ,  राजकुमार कुशवाहा , अमरसिंह बुन्देला  , प्रदीप पंडित , कदीर खां , गफूर खां , प्रेमशंकर गुप्ता , महेन्द्र सोनी , बी. डी चन्देल , रवि रैकवार ,  भैय्यन कुशवाहा , देवेन्द्र राजा ,  गौरव विश्वकर्मा , महेश साहू , मिलन चौहान , जगदीश झा , अतीक खान ,  पुष्पॆन्द्र यादव , अजबसिंह यादव , प्रकाश , मूरत यादव , नारायण विश्वकर्मा , प्रमोद कुशवाहा , महेन्द्र यादव , संजयसिंह , रोहित रजक  , नंदराम कुशवाहा , कामता प्रसाद  आदि उपस्थित रहे

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