निजी स्कूलों में हर साल बदलते कोर्स के खिलाफ भाकियू(किसान शक्ति) ने भरी हुंकार
डिबाई।(बुलंदशहर) डिबाई क्षेत्र के ज्यादातर निजी स्कूलों में छात्र,छात्राओं के अभिभावकों के साथ हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन किसान शक्ति ने हुंकार भरी है।आपको बताते चलें कि डिबाई क्षेत्र में निजी स्कूल कुकुर मुत्तों की तरह गली मौहल्लों में रोज नये खुल रहे हैं।जहां मानकों को ताक पर रखकर विभाग की मिलीभगत से छात्र व छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड हो रहा है।बात यहीं खत्म नहीं होती ज्यादातर निजी स्कूलों में हर साल पाठ्यक्रम बदलकर करोड़ों रुपए का कमीशन भी स्कूलों द्वारा डकार लिया जाता है।भारतीय किसान यूनियन किसान शक्ति के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंडित गजेन्द्र शर्मा ने बताया कि।पहले स्कूलों को शिक्षा का मन्दिर कहा जाता था।और उस समय शिक्षा का व्यवसाय भी नही किया जाता था।यहीं कारण था कि एक ही पाठ्यक्रम की पुस्तकें लगभग पांच साल तक नही बदली जाती थीं।लिहाजा उसी पाठ्यक्रम की पुस्तकों से लगभग पांच साल तक छात्र छात्राएँ शिक्षा ग्रहण करते थे।लेकिन आज के दौर में शिक्षा माफियाओ ने शिक्षा को व्यवसाय बनाकर रख दिया है जिससे निजी स्कूलों की आसमान छूती फीस और फिर हर साल बदलता पाठ्यक्रम का भृष्टाचार अभिभावकों की कमर तोड देता है।भारतीय किसान यूनियन किसान शक्ति के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंडित गजेन्द्र शर्मा ने तहसील प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपकर सरकार से मांग की है कि एनसीआरटी की पुस्तकों का पाठ्यक्रम सभी निजी स्कूलों में लागू किया जाय।