निषाद, केवट मिलन की कथा सुन भावविभोर हुए श्रद्धा
कांधला,
शनिवार को नगर के कैराना स्थित सिद्धपीठ माता वैष्णो देवी मन्दिर के प्रागण में श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा उत्सव को लेकर आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव में सातवें दिन श्रृंगवेरपुर की कथा में भगवान राम और निषाद राज मिलाप व केवट़ प्रेम और पार लीला माता शबरी नवधा भक्ति की मार्मिक कथा सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया । कथा वाचक ब्रजमोहन सेमवाल ने रामकथा के सातवे दिन दिन राम वनवास की कथा सुनाई श्रीराम कथा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान कथा व्यास ब्रजमोहन सेमवाल ने राम निषाद राज मिलाप, केवट भक्ति और गंगा पार लीला को इस तरह से प्रस्तुत किया कि देखते ही देखते पंडाल में बैठे श्रद्धालुओं की आंखें सावन भादों हो गयी। इस दौरान शबरी राम संवाद भी पेश किया। कथा को सुन श्रद्धालु भाव विभोर होकर नाचने लगे। महाराज श्री ने कहा कि विधि का विधान है कि सबको इसी जन्म में ही सब कुछ भोगना होता है। कैकयी के साथ भी ऐसा हुआ। और उसी राम ने 14 साल बाद जब मां कहा तो कैकयी को अपनी भूल का अहसास हुआ। राम वनवास प्रसंगों को कथा वाचक ने मार्मिक तरीके से प्रस्तुत किया। ब्रजमोहन सेमवाल जी महाराज ने राजा भरत त्याग,न्याय और नीति के प्रतीक है। जनमानस में भरत की पहचान साधु के रूप में भी है। इस दौरान निधिश कुमार मित्तल, शशि भूषण शर्मा, संजीव कुमार आडवाणी, नितिन शर्मा, नितिन, ब्रजमोहन शर्मा, संजय चौहान, सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।