अंबी के लिए देवदूत बनकर पहुंचे थे अजमेर, सीपीआर देकर बचाई ढाई साल की मासूम की जान
दिल्ली
अजमेर जब तीसरी मंजिल के कमरे में पहुंचे तो वहां पर अंबी और उसकी मौसी अचेत पड़ी थी। अंबी के शरीर में कोई हरकत भी नहीं थी। यह भी पता नहीं चल पा रहा था कि वह जिंदा है भी या नहीं। मुखर्जी नगर के पीजी में ढाई साल की बच्ची अंबी के लिए फायर ऑपरेटर अजमेर सिंह ने देवदूत का काम किया। अजमेर जब तीसरी मंजिल के कमरे में पहुंचे तो वहां पर अंबी और उसकी मौसी अचेत पड़ी थी। अंबी के शरीर में कोई हरकत भी नहीं थी। यह भी पता नहीं चल पा रहा था कि वह जिंदा है भी या नहीं। इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए अजमेर अंबी को गोद में उठाकर फौरन बिल्डिंग से निकलकर अस्पताल की ओर भागे। एक बाइक वाले ने उनकी मदद की। इत्तफाक से बाइक वाला व्यक्ति डॉक्टर था। उसने बच्ची को लगातार सीपीआर देने के लिए कहा। अजमेर रास्ते में उसे सीपीआर देते रहे। इस दौरान अस्पताल पहुंच गए। वहां डॉक्टरों ने अंबी को सीपीआर दी तो उसके शरीर में हरकत हुई और जोर-जोर से रोने लगी। बाद में उसे ऑक्सीजन लगा दी गई। भी ने समय पर अस्पताल लाकर और अजमेर के सीपीआर देने की तारीफ की। डॉक्टरों का कहना था कि यदि समय पर बच्ची को अस्पताल न लाया जाता तो शायद मौत हो जाती। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि अंबी परिवार के साथ बेगूसराय में रहती है। परिवार में पिता अमित कुमार, मां व अन्य सदस्य हैं। अंबी की मौसी इसी पीजी में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही है। बुधवार को अंबी के माता-पिता उसे मौसी के पास छोड़कर शॉपिंग के लिए चले गए थे। मकान मालिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज मुखर्जी नगर में गर्ल्स पीजी में आग के मामले में पुलिस ने मकान मालिक कुलभूषण और पीजी चलाने वाले व्यक्ति अमित कुमार पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। एफआईआर में लापरवाही बरतकर दूसरे की जान जोखिम में डालने समेत कई धाराओं को शामिल किया गया है। बृहस्पतिवार को क्राइम टीम के अलावा एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। इसके अलावा कुछ छात्राओं और पड़ोसियों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने फिलहाल छानबीन के लिए इमारत को सील कर दिया है। पीजी में रहने वाली छात्राएं अपने रिश्तेदारों और परिचितों के घर चली गई हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी खुद पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि इमारत का मालिक कुलभूषण है। 160 गज के प्लॉट पर उसने ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग बनाने के अलावा ऊपर पीजी चलाने के लिए चार मंजिल बनाई हुई है। हर फ्लोर पर बड़े-बड़े हॉल बनाकर उसमें प्लाईबोर्ड के पार्टीशन करने के बाद उसमें छात्राओं के लिए केबिन बनाए हुए हैं। पूरी इमारत में कुल 45 से 46 लड़कियों के रहने की व्यवस्था की गई है। छत पर रसोई बनी है। इमारत में प्रवेश और निकासी के लिए एक दरवाजा है। इसके अलावा ऊपर जाने के लिए एक ही जीना भी है। आग सीढि़यों के पास लगे मीटर के पैनल में लगी।