झोलाछाप के जबरदस्ती प्रसव कराने से हुई शिशु की मौत
गाजियाबाद। झोलाछाप से प्रसव कराने से प्रसूता की जिंदगी खतरे में पड़ गई। समय से पहले जबरदस्ती प्रसव कराने से शिशु की मौत होने के साथ ही महिला का गर्भाशय फट गया था। दिल्ली में ऑपरेशन करने के बाद महिला की जिंदगी बचा ली लेकिन अब वह कभी मां नहीं बन सकेगी। घटना 22 दिन पहले की है। मामले की जानकारी सीएमओ से शिकायत करने पर हुई। सीएमओ ने झोलाछाप की दुकान सील कर जांच का निर्देश दिया है। लोनी के रूप नगर निवासी जयवीर ने बताया कि उनकी पत्नी परविता गर्भवती थीं। 31 अगस्त की रात में लगभग नौ बजे पत्नी के पेट में दर्द हुआ तो प्रेम नगर में नूरानी मस्जिद के पास गुलशन के पास ले गए थे। वहां गुलशन ने बताया कि परविता को प्रसव पीड़ा हो रही है। जयवीर ने बताया कि अभी प्रसव होने में समय है तो गुलशन ने कहा कि डॉक्टर मैं हूं या आप लोग। आरोप है कि भर्ती करने के साथ ही गुलशन ने 45 हजार रुपये भी जमा करवा लिए। इसके बाद गुलशन ने दर्द बढ़ाने के लिए कई इंजेक्शन भी परविता को लगाया। आरोप है कि दवाएं देने के बाद भी जब पत्नी का प्रसव नहीं हुआ तो गर्भाशय में हाथ डालकर बच्चे को बाहर खींचने का प्रयास किया गया। इससे परविता भयंकर दर्द से तड़पने लगी और शिशु की गर्भ में ही मौत हो गई। इसके बाद काफी रक्तस्राव हुआ। आरोप है कि गुलशन ने इलाज करने के बजाय मरीज को अस्पताल के बाहर निकला दिया। इसके बाद वह पत्नी को जीटीबी लेकर गए। वहां लगभग चार घंटे के ऑपरेशन के बाद गर्भाशय निकाला गया। सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने जयवीर को बताया कि गर्भाशय में हाथ डालकर शिशु को खींचने के कारण उसकी मौत हो गई थी। इस कृत्य से गर्भाशय भी फट गया था। अब वह दोबारा मां नहीं बन सकेगी। वह शादीशुदा जीवन भी सामान्य नहीं व्यतीत कर सकेगी। पत्नी के अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद जयवीर ने लोनी थाने में शिकायत दी, आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर सीएमओ से शिकायत करने के लिए कहा। जयवीर की शिकायत पर सीएमओ ने गुलशन के अस्पताल को सील करने के निर्देश दिया है। सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधार ने कहा कि मामला गंभीर है। आरोपी का क्लीनिक और अस्पताल सील करने का निर्देश दिया गया है। पूरे प्रकरण की जांच करने के बाद संबंधित थाने और प्रशासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।