प्रदूषण पर होगा वार, 13 हॉटस्पॉट के लिए प्लान तैयार, 60 एंटी स्मोग गन कम करेंगी धूल का गुबार
दिल्ली-एनसीआर
सरकार ने 13 हॉटस्पॉट में प्रदूषण कम करने के लिए प्लान तैयार किया है। इसके तहत हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान के आधार पर काम किया जाएगा। राजधानी में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार सख्त कदम उठा रही है। सरकार ने 13 हॉटस्पॉट में प्रदूषण कम करने के लिए प्लान तैयार किया है। इसके तहत हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान के आधार पर काम किया जाएगा। इसके लिए 13 संयुक्त टीमें बनाई हैं। सभी संबंधित विभागों को इसके आधार पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि इसमें एमसीडी के डीसी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग डीपीसीसी के इंजीनियर लगाए गए हैं। साथ ही धूल प्रदूषण कम करने के लिए हॉटस्पॉट में 60 एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं। दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को हॉटस्पॉट वाले इलाकों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर संबंधित विभागों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से प्रदूषण में गिरावट आई है और अच्छी हवा के दिनों की संख्या बढ़ी है। दिल्ली में एक्यूआई के अच्छे, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी के दिनों की संख्या 2016 की तुलना में 109 से बढ़कर इस साल 200 तक हो गई है। नोडल विभाग बनाया: गोपाल राय ने बैठक के बाद प्रेसवार्ता में कहा कि विंटर एक्शन प्लान के तहत निर्धारित किए गए 15 फोकस बिंदुओं के आधार पर विशेष कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली के अंदर प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। 15 फोकस बिंदुओं में इस बार पहला बिंदु हॉटस्पॉट है। साथ ही इसके लिए नोडल विभाग भी बनाया गया है, जो प्रदूषण को काम करने के लिए कार्य करेगा। हॉटस्पॉट में प्रदूषण के मुख्य स्रोत और समाधान आनंद विहार: आनंद विहार में एग्जिट रोड पर वाहनों का आवागमन, दिल्ली मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट, एकीकृत पूर्वी दिल्ली हब प्रोजेक्ट, आनंद विहार रेलवे स्टेशन के सामने क्षतिग्रस्त सड़कें, आरओबी प्रोजेक्ट, आनंद विहार से अप्सरा बॉर्डर तक रेलवे स्टेशन के निकास पर भीड़ (जाम की समस्या ) की वजह से प्रदूषण है। इसके समाधान के लिए डीटीआईडीसी, एनसीआरटीसी, एनबीसीसी, पीडब्ल्यूडी, रेलवे और ट्रैफिक पुलिस विभाग की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 12 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं। अशोक विहार और बवाना: : अशोक विहार में बायोमास बर्निंग , ट्रैफिक जाम, वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में खुदी हुई सड़कें, गुजरांवाला टाउन के पास कच्ची सड़क, सड़क पर गड्ढे प्रदूषण के स्रोत हैं। इसके समाधान के लिए एमसीडी, ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली मेट्रो डिपार्टमेंट की कोआर्डिनेशन टीम बनाई गई है। यहां 2 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं। वहीं, बवाना में उचित धूलशमन उपायों के बिना बवाना औद्योगिक क्षेत्र के पास यूईआर, निर्माण परियोजना का निर्माण, महर्षि वाल्मिकी अस्पताल के बाहर अवैध कूड़ा डंपिंग और अस्पताल के बाहर यातायात की भीड़, पूठ खुर्द रोड पर सड़क की धूल, जो बवाना सीएएक्यूएमएस स्टेशन के पास है। इसके अलावा दिल्ली-औचंदी रोड के किनारे लोक निर्माण विभाग की सर्विस रोड पर सीएंडडी कचरे की अवैध डंपिंग, निर्माणाधीन यूईआर-दो और दिल्ली-औचंदी रोड पर शहीद पार्क। इनके अलावा द्वारका, मुंडका, जहांगीरपुरी, नरेला, ओखला, पंजाबी बाग, आरके पुरम, रोहिणी, विवेक विहार, वजीरपुर, क्षेत्रों में प्रदुषण नियंत्रण के लिए हॉटस्पॉट बनाये गये