बाघ मिलने वाले स्थान पर टीम के साथ जांच को पहुंचे वन संरक्षक

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 रेहड़। क्षेत्र के गांव भगतावाला में रविवार सुबह गांव सादकपुर निवासी किसान राकेश चौहान के गन्ने के खेत में एक बाघ धूप में आराम से लेटा हुआ दिखाई दिया था। बाघ दिखाई देने से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है। बाघ के मिलने के मामले में सोमवार अपराहन वन संरक्षक मुरादाबाद रमेश चंद्रा और डीएफओ बिजनौर ज्ञान सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जहां उन्होंने वन विभाग की टीम के साथ पैदल गन्ने के खेतों में बाघ की ट्रैकिंग की। इस दौरान गांव अमान नगर निवासी किसान धीरेंद्र शेखावत के खेत में बाघ के पंजों के ताजा निशान मिले। पंजों के निशान मिलने के बाद वन संरक्षक रमेश चंद्रा ने गन्ने के खेतों के ऊपर थर्मल ड्रोन उड़वाकर बाघ को तलाश कराने का प्रयास किया परंतु 10 मिनट बाद ही थर्मल ड्रोन की बैटरी डाउन हो गई जिसके चलते थर्मल ड्रोन नीचे आ गया। इसके पश्चात दो पिंजरे मंगवाये गए। इनमें से एक पिंजरे को लगा दिया गया है। पिंजरे में बकरी को बांधा गया है जबकि दूसरे पिंजरे को आपात स्थिति के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। वन विभाग की टीम द्वारा बाघ के मूवमेंट वाले विभिन्न स्थानों पर 7 (आई आर ) इंफ्रारेड कैमरे भी लगा दिए गए हैं। वन संरक्षक मुरादाबाद रमेश चंद्रा ने बताया कि जांच के दौरान मिले पंजों के निशान से पता लगा कि गन्ने के खेत में व्यस्क बाघिन है जो अमानगढ़ टाइगर रिजर्व से यहां आई है। उन्होंने एक ही बाघिन के यहां होने की पुष्टि की है जबकि किसान धीरेंद्र शेखावत का कहना है कि गन्ने के खेत में नर और मादा दो बाघ तथा उनके दो शावक मौजूद हैं। वन संरक्षक मुरादाबाद रमेश चंद्रा ने बताया कि यहां मौजूद बाघिन को पिंजरा लगाकर पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। बाघिन के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए मौके पर वन कर्मियों को तैनात कर दिया गया है। इस दौरान डीएफओ ज्ञान सिंह, वन क्षेत्राधिकारी नगीना राकेश कुमार शर्मा, वन क्षेत्राधिकारी अमानगढ़ अंकिता किशोर, वन दरोगा सुनील कुमार राजौरा, वन दरोगा जगत सिंह राणा, वनरक्षक विपिन कुमार, बिजनौर के वनरक्षक संजय सिंह राणा, दैनिक वन श्रमिक मंसूर अली, मनोज कुमार, नदीम आदि लोग मौजूद रहे।

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