शासन को बाढ़ और कटान की गलत जानकारी देने वाले अधिकारियों पर  कार्यवाही हो – रामगोविन्द चौधरी

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बांसडीह बलिया / समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने घाघरा नदी के किनारे बसे गांवों के कटान और उससे बेघर हुए लोगो के कठिनाइयों को लेकर मा.मुखमंत्री जी जलशक्ति मंत्री एवं मुख्यसचिव उत्तर प्रदेश शासन विभागीय प्रमुख सचिव सहित जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिख कर स्थाई के स्थाई समाधन की मांग किया है मंगलवार को प्रेस को जारी पत्र में रामगोविन्द चौधरी ने बाढ़ और कटान से प्रभावित एक एक गावों का उल्लेख करते हुए जमीनी स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य के लिए अपनी ओर से पत्र लिखने के बावजूद भी नगण्य होने पर दुःख व्यक्त किया हैं रामगोविन्द चौधरी विभागीय अधिकारियों के कार्यशैली आरोप लगाते हुए कहा कि मै उस क्षेत्र का प्रतिनिधि रहा हूं एक एक गांव के जमीनी हकीकत से वाकिफ हू अधिकारी गण उक्त समस्याओं की आख्या शासन गलत भेजा है यहां तक कि जब मै इसके पूर्व इस सम्बंध में विभाग के जिम्मेदारों को पत्र लिखा तो जवाब में मुझे  जो पत्र लिखा गया उसमें भी जमीनी हकीकत से इतर ही जवाब दिया गया तथा वह पत्र झूठ है पुलिंदा नजर आया ऐसे अधिकारियों के खिलाफ भी जांच कर करवाई होनी चाहिए।रामगोविन्द चौधरी ने को प्रेस के विज्ञप्ति में कहा कि उस उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुका हूं इस लिए मेरा कर्तव्य था की क्षेत्र के लोगो के जान मॉल के सुरक्षा हेतु सरकार और शासन तक आवाज उठाऊं इसी कर्तव्य का पालन करते हुए मैने सरकार और शासन को अनेक बार पत्र लिखा लेकीन सरकार और शासन में बैठे लोग कोई ध्यान नहीं दिए उल्टे सीधे गोल गोल घुमाते रहे जिससे प्रतीत स्पष्ट हो रहा कि इस सरकार में आम जनता की भलाई की बात कहना व्यर्थ है या सरकार एन केंद्र प्रकरण सिर्फ वोट लेकर सरकार बनाने में व्यस्त है जनता की भलाई कैसे होगी उसके बारे में नहीं सोच रहे समाज में नफरत का बीज बोकर वोट लेने में सफल या सरकार जनहित के सवाल पर बिल्कुल फेल है लेकिन मैं जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति का एक सिपाही हूं मैं अपने क्षेत्र की जनता को अपनी समस्याओं से जूझते हुए अकेले नहीं छोड़ सकता और अब अगर इस संबंध में इस पत्र पर कोई सार्थक कार्रवाई नहीं होती तो सड़क पर उतरकर जनता के बीच में इस सरकार एवं विभागीय भ्रष्ट्राचार का कलाई खोलूंगा और बाढ़ एवं कटन के स्थाई समाधान तथा कटान पीड़ितों के पुनर्वास की व्यवस्था करने पर जनदबाव के बल पर सरकार को मजबूर किया जाएगा

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