बिना बिजली कैसे हो गिरजापुरी बैराज पर उजाला
अंधेरे में ड्यूटी करने पर मजबूर सरयू नहर परियोजना के अधिकारी कर्मचारी
बिछिया/बहराइच। जनपद मुख्यालय से 130 किलोमीटर दूर तहसील मिहींपुरवा के कतर्नियाघाट जंगल क्षेत्र में स्थित चौधरी चरण सिंह गिरिजा बैराज पर बिजली कनैक्शन ही नहीं है। लगभग 15 वर्ष पूर्व बिजली विभाग द्वारा यहां से कनेक्शन काट दिया गया था l इस संबंध में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं हैं । जबकि वहां मौजूद कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि यहां लंबे समय से बिजली का कनेक्शन नहीं है l अंधेरे में ही काम करना पड़ रहा है। जरुरत पड़ने पर मोबाइल की लाइट जलाई जाती है और कभी कभार जनरेटर का संचालन किया जाता है। आपको बताते चलें कि सरकार गिरिजापुरी बैराज के सौंदर्यी करण से लेकर उनकी सुरक्षा के लिए करोंडो रुपये खर्च करती है लेकिन वर्तमान स्थिति ऐसी है कि गिरिजा बैराज में ना तो बिजली का कनेक्शन है ना लाइट की कोई अवस्था है अंधेरे में ही गिरिजा बैराज अपनी पहचान छिपाता नजर आता है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जिस बैराज पर तीन नदियो का संगम होता हो और नदिया नेपाल की पहाड़ो पर बारिश होते ही बाढ़ का रूप ले लेती हो ऐसे में बैराज के आस पास बसे गांव में बाढ़ की स्थिति बन जाती है ऐसे अंधरे में बिना उचित उजाले के ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी जान को जोखिम में डाल कर रात में पुल पर सांपो और जंगली जानवरों के खतरे से बचते हुए पानी पर पैनी नज़र रखे ऐसे में वर्षो पूर्व बने पुल की स्थिती का ठीक से निगरानी भी कर पाना बहुत मुश्किल है। वही इस संबंध में जूनियर इंजीनियर बैराज प्रभारी नितीन यादव से बात करने पर बताया कि पिछले कितने सालों से लाइट का कनेक्शन बिजली विभाग द्वारा काटा गया है कुछ पता नही है।