आरेडिका में फोर्ज्ड व्हीलों के निर्माण ने पकड़ी रफ्तार
लालगंज रायबरेली भारतीय रेल फोर्ज्ड व्हील विदेशों से आयात करता हैं। फोर्ज्ड व्हील के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए वर्ष 2013 में फोर्ज्ड व्हील प्लाण्ट का निर्माण कार्य आरम्भ हुआ। आरेडिका ने राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड को भूमि लीज पर देकर सहयोग किया। इस प्लाण्ट से प्रतिवर्ष एक लाख फोर्ज्ड व्हीलों के निर्माण की योजना थी। लेकिन राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड का यह कारखना उत्पादन के प्रारम्भिक दौर से ही फोर्ज्ड व्हील के उत्पादन को गति न दे सका। कारखाने को गति देने के लिए आरेडिका आगे आया एवं वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल माह से फोर्ज्ड व्हील प्लाण्ट का स्वामित्व प्राप्त किया। आरेडिका के महाप्रबंधक प्रशान्त कुमार मिश्रा ने सीएओ संजय कुमार कटियार, के नेतृत्व में व्हीलों के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए एक टीम का गठन किया। टीम ने फोर्ज्ड व्हील प्लाण्ट की अवसंरचना, कच्चे माल एवं स्प्रेयर पार्ट की उपलब्धता, प्लाण्ट की विश्वासनीयता, संचालन एवं रखरखाव के लिए तकनीकी दक्ष मानवशक्ति के प्राब्धानों का गहन अध्ययन करके लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य योजना बनायी एवं इस वर्ष के लक्ष्य 35000 फोर्ज्ड व्हील के निर्माण की ओर अग्रसर है। आज इसी का परिणाम है कि प्रारम्भिक 4 माह अप्रैल 2024 से जुलाई 2024 तक पूर्णतः निर्मित व्हीलों की संख्या 9666 रही जो कि पिछले साल अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 तक पूर्णतः निर्मित व्हीलों 5997 से 62 प्रतिशत अधिक है। जबकि इसी अवधि में अप्रैल 2024 से जुलाई 2024 में 13755 व्हीलों की फोर्जिंग की गयी जो कि पिछले साल इसी अवधि में फोर्जिंग किये गये 5997 व्हीलों से 133 प्रतिशत अधिक है।भविष्य में इसके उत्पादन में और अधिक गति देखने को मिलेगी क्योंकि आरेडिका प्रशासन क्रमिक रूप से फोर्ज्ड व्हीलों के उत्पादन को गति प्रदान करने के लिए आरेडिका योजनानुसार तकनीकी निवेश कर रहा है। फोर्ज्ड व्हील प्लाण्ट में भारतीय सेना के तकनीकी पदों पर सेवा दे चुके 35 सेवानिवृत तकनीशियन की भर्ती संविदा पर जून 2024 में की गयी है जिससे उनके अनुभवों का लाभ फोर्ज्ड व्हील के निर्माण में प्राप्त किया जा सके। आरेडिका के व्हील निर्माण से एक ओर फोर्ज्ड व्हीलों के विदेशी आयात से राहत मिल रही है तो वहीं दूसरी ओर स्वदेशी मुद्रा की बचत हो रही है। अब भारतीय रेल फोर्ज्ड व्हीलों का स्वंय उत्पादक एवं उपभोगता बन गया है।