सुरक्षा व्यवस्था में पूरे जिले की पुलिस और पीएससी रहेगी तैनात’ चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे की रहेगी निगरानी
महोबा, चरखारी* 13 जुलाई। उत्तर भारत का ऐतिहासिक एवं हिन्दु मुस्लिम इकजहती के रूप में आयोजित होने वाला हजरत इमाम हुसैन की सवारी ʺघोड़ाʺ जुलूस आज रात 10 बजे निकलेगा। जुलूस के लिए एक ओर जहां आयोजन समिति द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयीं हैं वहीं एक लाख से अधिक संभावित भीड़ को देखते हुए स्थानीय व जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा कानून व्यवस्था पुख्ता की जा रही हैं। बताते चलें कि हजरत इमाम हुसैन की सवारी जुलूस का शुभारम्भ रियासत काल में सन 1857 में तत्कालीन महाराजा रतन सिंह जू देव ने किया था और 1857 से निरन्तर जुलूस का आयोजन होता चला आ रहा है। समय के साथ बढ़ती आबादी और संसाधानों और शोसल मीडिया से बढ़ते प्रचार के चलते जायरीनों की तादाद में बढ़ोत्तरी होती चली आ रही है और गत वर्ष शासन द्वारा इस आयोजन में 1 लाख से अधिक भीड़ होने का अनुमान अपने आफिसिल रिकार्ड में दर्ज किया है। लोगों की मान्यता है कि जो भी श्रद्धा के साथ घोड़े पर लगे नीबू निकालता है और कोई जायज मन्नत मानता है तो एक साल में उसकी मुराद पूरी हो जाती है ओर मुराद पूरी होने पर लोग दूप जलेबी खिलाकर एवं सोने व चांदी के नीबू बढ़ाकर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते है और यही कारण है कि साल दरसाल जुलूस में अकीदतमन्दों का जनसैलाब बढ़ता ही यहा जा रहा है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अपनी पहचान कायम किए इस जुलूस के आयोजन में एक ओर जहां आयोजन समिति को बड़े स्तर पर तैयारी की जाती हैं वहीं प्रशासन भी शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था को कायम रखने के लिए तैयारी करता है। जिलाधिकारी महोबा मृदुल चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक महोबा अपर्णा गुप्ता सहित स्थानीय प्रशासन इस आयोजन पर निगरानी रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की मानेटरिंग में जुटे हैं। इस वर्ष आयोजित होने वाले जुलूस में पूरे जनपद की पुलिस व पीएसी बल कार्यक्रम के दौरान निगरानी में रहेगा वहीं बिजली विभाग द्वारा जिले के सभी एसडीओ व अवर अभियन्ताओं को पूरी रात निगरानी करने के निर्देश प्रशासन द्वारा दिए गए हैं। बाहर से आने वाले मेहमानों के लिए खाने पीने के लिए जगह जगह लंगर व खाने पीने की व्यवस्था विभिन्न कमेटियो द्वारा जगह जगह की जाती है। रात्तभर बलने वाले इस जुलूस में ढोल बाजों और अखाड़ों के बीच मुकाबला प्रमुख आकर्षण केन्द्र रहता है।