दहेज लेना या देना या दहेज के लिए उकसाना है अपराध
5 साल की कैद अथवा जुर्माना का भी है प्रावधान
भदोही। संकल्प के तहत 21 जून से 4 अक्टूबर तक 100 दिन का विशेष जागरूकता अभियान का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 100 दिन के विशेष जागरूकता अभियान कार्यक्रम में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ थीम पर जनपद स्तर पर डीएम के निर्देशन में गुरुवार को डीजे मौर्या बालिका इंटर कालेज लक्ष्मणपट्टी में दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के अन्तर्गत दहेज एक सामाजिक हिंसा है। जो किसी को कोई संपत्ति मूल्यवान वस्तु या प्रतिभूति विवाह में एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को दी जाए या देने का वादा किया जाए। इस अवसर पर बताया एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष से नगद, गहने, कपडे आदि मांगना, मूल्यवान वस्तुएं जैसे टीवी, फ्रिज, स्कूटर, मोटर साइकिल, कार आदि की मांग करना। संपत्ति, प्लॉट, मकान की मांग आदि, आमतौर पर वधू के माता या रिश्तेदार या उनकी ओर से कोई और व्यक्ति दहेज देते है। दहेज विवाह से पूर्व, दौरान या कई साल बाद तक भी दिया जाता है। बताया कि दहेज लेना या देना या दहेज के लिए उकसाया दहेज प्रतिषेध अधिनियम-1961के अतंर्गत अपराध है। जिसके लिए 5 साल तक की कैद अथवा 15 हजार रुपए या दहेज की रकम, जो भी अधिक हो का जुर्माना का प्रावधान है। प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से दहेज की मांग पर 6 माह से 2 वर्ष तक की जेल तथा 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। विवाह के उपरान्त दोनो पक्षों द्वारा दिए गए उपकार की हस्ताक्षरित सूची अनिवार्य रुप से एक माह के भीतर जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी। शिकायत जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी के समक्ष टोल फ्री नंबर 181 पर कॉल करके अथवा जनपद स्थित वन स्टॉप सेंटर पर संपर्क करके स्थानीय पुलिस थाने अथवा 112 पर शिकायत की जा सकती है। 18 वर्ष से कम आयु के बालक व बालिकाओं के साथ ही बच्चों के सर्वाेत्तम विकास के लिए माता-पिता की भूमिका के बारे में चर्चा कर जागरूक किया गया। इस मौके पर क्षेत्र पंचायत सदस्य, परिवीक्षा अधिकारी मीना गुप्ता, 1098 चाईल्ड लाईन सोनी चौरसिया, प्रधानाचार्य एवं जिला प्रोबेशन कार्यालय आनंद कुमार मौर्या, कृष्ण गोपाल यादव आदि उपस्थित रहें।