बार एसोसिएशन सभागार में आयोजित हुई “आदर्श, बार-बेंच विचार संगोष्ठी”
गोंडा। शुक्रवार को बार एसोसिएशन गोण्डा सभागार में “आदर्श, बार-बेंच विचार संगोष्ठी” मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बार एसोसिएशन गोण्डा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी तथा संचालन महामंत्री चन्द्रमणि तिवारी ने किया। बार एसोसिएशन गोण्डा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने “आदर्श, बार-बेंच विचार संगोष्ठी” संगोष्ठी पर विषय परिवर्तन करते हुये बार एवं बेंच में आदर्श समन्वय स्थापित करने में जोर दिया। बार एसोसिएशन गोण्डा के महामंत्री चन्द्रमणि तिवारी ने संगोष्ठी पर कहा कि युवा अधिवक्ताओं को जो चीज लिख कर न्यायालय पर प्रस्तुत करते हैं उसी पर अडिग रहते हुये अपना पक्ष निस्तारण करते हुये अपना पक्ष प्रस्तुत करना चाहिए। खास तौर पर युवा अधिवक्ताओं को मेहनत व लग्न से कार्य करते हुये अनुशासित, मर्यादित, एवं सन्तुलित होते हुये बार एवं बेंच के मध्य में आदर्श समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है तथा न्यायिक अधिकारीगण को भी अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत किये जा रहे अपने पक्ष को समझने की जरूरत होती है, उसे अनसुना अथवा नजर अन्दाज नहीं करना चाहिए। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि जनपद न्यायाधीश प्रमोद कुमार श्रीवास्तव द्वारा संगोष्ठी पर विस्तार से चर्चा करते हुये बार-बेंच रथ के दो पहिये हैं जो एक-दूसरे के बिना अधूरा है। संगोष्ठी में सिविल बार एसोसिएशन गोण्डा के अध्यक्ष संगम लाल द्विवेदी एवं न्यायिक अधिकारीगण पूजा सिंह, नासिर अहमद, राजेश कुमार, सर्वजीत सिंह, राम बहादुर रामदेव, अपेक्षा सिंह व तमाम अधिकारीगण ने गोष्ठी में अपने विचार रखे। संगोष्ठी में जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी बसन्त शुक्ल, विन्देश्वरी प्रसाद दूबे, भगवती प्रसाद पाण्डेय, रितेश कुमार यादव, पाटेश्वरी दत्त पाण्डेय, अरविन्द शुक्ल, गिरवर कुमार चतुर्वेदी, राम गोपाल पाठक, प्रमोद चौबे, रामफेर प्रजापति, हिमांशु ओझा, शिवेंद्र कुमार मिश्रा, राघवेंद्र मिश्रा, आशीष वर्मा, अश्वनी मिश्र, हिमांशु शुक्ला, शेष नरायन मौर्य, विपिन शुक्ल, मनोज मौर्य, सच्चिदानन्द मिश्र, आलोक पाण्डेय, धनलाल तिवारी, अजय तिवारी, प्रमोद नन्दन श्रीवास्तव, सन्दीप पाण्डेय, आदि सैंकड़ों अधिवक्ता उपस्थित रहे।