सिर्फ ज्वेलरी शोरूम को निशाना बनाता था लोकेश, बिकवाने में मदद करता था ये, 40 किलो सोना…
दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपी शिवा चंद्रवंशी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि लोकेश चोरी की वारदात को अकेले ही अंजाम देता था। वह हमेशा विश्वास से भरा रहता था। शिवा का कहना है कि लोकेश उसे चोरी की गहने देता था और वह उन्हें बिकवाने में उसकी सहायता करता था। दिल्ली की सबसे बड़ी चोरी की वारदात को अंजाम देने वाला लोकेश श्रीवास सिर्फ ज्वेलर्स की दुकानों को ही निशाना बनाता था। दुकानों से वह सिर्फ सोने व हीरे के आभूषण ही चुराता था। आरोपी लोकेश का चोरी की वारदात के रिकार्ड से ये बात सामने आई। आरोपी ने दिल्ली व छत्तीसगढ़ पुलिस की पूछताछ में यही खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी शिवा चंद्रवंशी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि लोकेश चोरी की वारदात को अकेले ही अंजाम देता था। वह हमेशा विश्वास से भरा रहता था। शिवा का कहना है कि लोकेश उसे चोरी की गहने देता था और वह उन्हें बिकवाने में उसकी सहायता करता था। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आरोपी लोकेश ने उमराव सिंह ज्वेलर्स के स्ट्रॉग रूम की दीवार छेनी व हथौड़े से काटी थी। उसे दीवार काटने में डेढ़ से दो घंटे लग गए थे। शिवा के पास से मिले 23 लाख छत्तीसगढ़ पुलिस को सूचना मिली कि घटना वाले दिन मुख्य आरोपी लोकेश श्रीवास अपने साथी शिवा चंद्रवंशी के साथ बिलासपुर में चोरी की वारदात स्थल के आसपास दिखाई दिया था। इसके बाद पुलिस ने उसके सहयोगी शिवा को गिरफ्तार कर लिया। इसके पास से सोने की ज्वेलरी और करीब 23 लाख रुपये बरामद किए गए। पूछताछ करने पर शिवा ने बताया कि उसने लोकेश के साथ दुकानों व तेलंगाना में चोरी की थी और लोकेश चोरी की बड़ी वारदात करने के लिए दिल्ली गया था। 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाले दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 19 सितंबर को बिलासपुर में श्रीराम क्लाथ मार्केट और सत्यम चौक से अग्रसेन चौक के बीच करीब 7 से 8 दुकानों में चोरी हुई थी। आंध्र प्रदेश पुलिस 40 किलो सोना की चोरी के आरोपियों का पीछा करते हुए छत्तीसगढ़ पहुंची थी। पुलिस टीमों ने करीब 300 सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। छत्तीसगढ़ पुलिस ने दिए इनपुट दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर मामले में मुख्य संदिग्ध के रूप में लोकेश श्रीवास की 28 सितंबर को पहचान की गई। इसकी फोटो उमराव सिंह शोरूम में 24 सितंबर को प्रवेश करते व 25 सितंबर को बाहर निकलते हुए कैद हुई फोटो से मेल खा रही थीं। दिल्ली पुलिस के दो इंस्पेक्टर विष्णुदत्त शर्मा व दिनेश को विमान से छत्तीसगढ़ भेजा गया था। ब कलेक्टर ने जिले से किया था बाहर लोकेश से कवर्धा शहर के लोग भी परेशान हैं। ये उमेश बाजार, सलूजा स्टील, सपना मोबाइल शॉप में चोरी कर चुका है। यहां तक कि उसपर मंदिर की दानपेटी चुराने के कई केस थाने में दर्ज हैं। इसके अलावा उसने दुर्ग, खैराग और गंडई में भी चोरी की है। तीन साल पहले तब कवर्धा के कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने उसे कबीरधाम जिला समेत चार जिलों की सीमा से एक साल के लिए तड़ीपार कर दिया था। तब लोकेश कबीरधाम, राजनांदगांव, बेमेतरा और मुंगेली से निष्कासित (जिला बदर) था। आरोपी के चोरी के चर्चित मामले लोकेश के चर्चित मामलों में आंध्र प्रदेश के विजयनगर स्थित ज्वेलरी की दुकान से छह किलो सोना चुराया। तेलंगाना में 40 किलो सोना, उड़ीसा में ज्वेलरी शॉप से 500 ग्राम सोने के जेवरात, राजनांदगांव के गंडई से सात लाख कीमत के सोने-चांदी के जेवर, दुर्ग के पारख ज्वेलर से लगभग चार करोड रुपए के हीरे, सोने- चांदी के जेवर, दुर्ग स्थित बजाज शोरूम से नौ लाख की चोरी जैसे मामले शामिल रहा हैं।