गोपाल वाटिका में कवि सम्मेलन का आयोजन
हापुड़
जनरल मर्चेंट्स ए सोसिएशन के तत्वावधान में फ्री गंज रोड स्थित गोपाल वाटिका में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।कवि सम्मेलन का संचालन गीतकार महावीर वर्मा मधुर ने किया तथा अध्यक्षता डा अनिल बाजपेई ने की। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुशील जैन,सचिवर्विंद अग्रवाल,कोषाध्यक्ष रामगोपाल,ने सभी कवियों को माला पटका एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कवि डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा,” पहले बांटें हम किसी,दुखियारे की पीर! तब आपस में फेंकिए,रंग गुलाल अबीर”!! दूर करें शिकवे सभी, बांटें हम सब प्यार! तब ही सचमुच में लगे, है होली त्योहार!! संचालन करते हुए,महावीर वर्मा मधुर ने पढ़ा पास नहीं होती हो फिर भी, लगती बहुत हो पास मेरे। पावन गंगा सी लगती हो, हैं पाक़ीज़ा एहसास तेरे। जिस दिल से करते याद तुम्हें, उसकी धड़कन सी लगती हो। जब भी मिलती हो मुझको तुम नई-नई सी लगती हो। पिलखुवा से कवि डा. सतीश वर्धन ने होली पर जोगीरा सुनाते हुए पढ़ा कि पत्नी के आगे शौहर के सभी तर्क बेकार।पत्नी की गलती पर माफी पति मांगे हरबार।।जोगीरा सारा रा रा पिलखुवा से आयी कवयित्री क्षमा शर्मा ने पढ़ा,”जीने को तो सब सामान जरूरी हैलेकिन मुझको हिंदुस्तान जरूरी है! कवि विकास विजय त्यागी ने पढ़ा,”गिरे हैं हम कभी यारों तो तुम ने ही संभाला है ।हमारी खुद की मेहनत का कमाया हर निवाला है ।हमें बदनाम करने की रची है साजिशें उसने ,कि जिसके घर अभी तक भी हमारा ही उजाला है ।सिकन्दराराऊ से पधारे देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा,””सबसे बड़ी दफा, रफा दफा और जहां कानून भी हो जाता है साफा। उसे कहते हैं दारुलशफा।”संयोजक महावीर वर्मा,नवरतन जैन,अशोक जैन,राजकुमार भूषण गोयल,सुशील गोयल,ललित गोयल,सरदार गुरवीरसिंह रेणु सिंघल,अर्चना जैन,मंजू वर्मा पंकज अरोड़ा सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।