पशु से लेकर भगवान तक को आवास की व्यवस्था का दावा,लेकिन ये क्या यहाँ तो पशुओं को कब्र तक नसीब नहीं
जखानिया/गाजीपुर: खबर गाजीपुर के ग्राम सभा बेलहरासे है जहा पशु आश्रय केन्द्र निर्मित है।
जिसमे शासन के निर्देशा अनुसार निराश्रित पशु जिसकी देख भाल ग्राम प्रधान व सचिव के जिम्मेदारी पर शासन द्वारा पैसा मुहया कराया जाता है।जिसको प्रतेक महीने एक पशु पर नौसौ रूपये आवंटित किया जाता है।लेकिन उसे ग्राम प्रधान व सचिव के द्वारा डकार लिया जाता है ।जिसका जीता जागता उदाहरण बेलहरा के गौ आश्रय केन्द्र पर चार से पांच पशु आए दिन बिना दाना पानी के मर रहे है।जिसको गौ गौ आश्रय केन्द्र से निकाल कर बाहर फेंकने की भी व्यवस्था नही है।मृत गौ वंशों को कुत्ते खाकर अपना पेट भर रहे है।मृत गौवंशो के चलते हैजा जैसी बीमारी फैलने की आशंका है।ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के हिटलरसाही रवईया को ध्यान में रखते हुए कोई उचित कदम उठाया जाय।शासन प्रशान से निवेदन है कि उचित समय रहते कोई कार्यवाही नहीं हुई तो कई गांव हैजा जैसी बीमारी के चपेट मे आ सकते है। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।