पुरुष वार्ड में महिला भर्ती, इमरजेंसी में नहीं थी साफ-सफाई
गाजियाबाद। एमएमजी अस्पताल के पुरुष वार्ड में महिला मरीज को भर्ती किया गया था। इमरजेंसी में साफ सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं थी। अस्पताल में कहीं भी जनहित गारंटी अधिनियम 2011 में अनुसूचित शिकायतों के लिए बोर्ड नहीं लगाया गया था। अस्पताल में डेंगू मरीजों की माॅनिटरिंग करने के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त नहीं हैं। यह खुलासा प्रदेश के प्रशासनिक सुधार एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव सी राजाराम और उप मुख्य निरीक्षक अधिकारी पंकज सक्सेना के औचक निरीक्षण में हुआ। दोनों अधिकारियों ने इमरजेंसी और ओपीडी में इलाज की स्थिति का जायजा लिया। टीम ने मंगलवार को संयुक्त अस्पताल का निरीक्षण किया था।बुधवार को निरीक्षण के दौरान हार्ट यूनिट, सीटी स्कैन कक्ष और अन्य वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज चतुर्वेदी को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। राजाराम ने कहा कि अस्पताल में चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी दूर करने के लिए शासन से अनुरोध किया जाएगा। डॉक्टरों की कमी से मरीजों को हो रही परेशानी के बारे में भी शासन को अवगत कराया जाएगा। अस्पताल में 3955 मरीजों की हुई खून की जांच
बुधवार को 3955 मरीजों की खून की जांच हुई। इनकी जांच रिपोर्ट बृहस्पतिवार और शुक्रवार को दी जाएगी। अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि नए 2164 मरीजों का पंजीकरण किया गया था। इनमें से 1060 महिला, 742 पुरुष और 362 बच्चे थे। इनमें से 391 बुखार के मरीज थे। 24 घंटे में 134 मरीजों को भर्ती किया गया। सीएमएस ने बताया कि 76 मरीजों की कोरोना जांच की गई। इनमें से 46 की आरटीपीसीआर और 30 की रैपिड एंटीजन से जांच की गई। मोतियाबिंद का ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। बुधवार को पांच मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी किया गया।
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